CM योगी की सख्ती के बाद गुलरिहा थानेदार लाइन हाजिर, जानिए पूरा मामला

दो एएसपी की जांच रिपोर्ट में विवेचक की लापरवाही सामने आई है। जिसके बाद एसएसपी ने गुलरिहा के थानेदार रवि कुमार राय को लाइन हाजिर कर दिया है। मामले की जांच अपराध शाखा को सौंप दी गई है।

Update:2021-03-22 19:33 IST
सीएम की बस्ती जैसी कार्रवाई के निर्देश के बाद गुलरिहा थानेदार लाइन हाजिर, मिली ये लापरवाही

गोरखपुर: रविवार को मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में गोरखपुर के बेलीपार थानाक्षेत्र की मीना देवी पत्नी राजेश जायसवाल द्वारा पुत्र की हत्या में पुलिसिया कार्यशैली को लेकर शिकायत करने के बाद सीएम ने एसएसपी को बस्ती जैसी कार्रवाई का निर्देश दिया था। जिसके बाद सक्रिय हुई गोरखपुर पुलिस ने जांच शुरू की। दो एएसपी की जांच रिपोर्ट में विवेचक की लापरवाही सामने आई है। जिसके बाद एसएसपी ने गुलरिहा के थानेदार रवि कुमार राय को लाइन हाजिर कर दिया है। मामले की जांच अपराध शाखा को सौंप दी गई है।

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मीना देवी ने रविवार को रोते हुए मुख्यमंत्री को बताया कि 6 मार्च 2020 को उनके बेटे संजीव जायसवाल की गुलरिहा थाना क्षेत्र के टिकरिया में मौसा के यहां गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उसकी बहन का पति व बहन का पुत्र शामिल था। मगर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने के बजाय फाइनल रिपोर्ट लगा दी।

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पुलिस हरकत में आई तो फिलहाल इस निष्कर्ष पर पहुंची कि मीना के बेटे संजीव ने मौसा लाला जायसवाल के घर प्रेमिका के चक्कर में गोली मारकर आत्महत्या की थी। फोन पर बात न करने से नाराज होकर उसने प्रेमिका को दौड़ाकर गोली मारी थी मगर झुक जाने से वह बच गई थी। बाद में उसने अपनी कनपटी में गोली मार ली थी। इस मामले में संजीव के पिता की तहरीर पर हत्या का मामला भी दर्ज किया गया था। पुलिस ने साक्ष्य के आधार पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी।

दो एएसपी की जांच में मिली ये खामियां

मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसएसपी जोगेन्द्र कुमार ने पूरे मामले के लिए एसपी साऊथ व एसपी पर्षि को जांच सौंपी थी। एसएसपी ने बताया कि जांच रिपोर्ट में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि विवेचक द्वारा गहराई से छानबीन नहीं की गयी। विवेचक द्वारा घटना के 3 दिन बाद वादी द्वारा अभियोग पंजीकृत कराने में हुई देरी के कारणों का विवेचना में कोई उल्लेख नहीं किया गया। चश्मदीद साक्षीयों का बयान धारा 164 सीआरपीसी का बयान न्यायालय में अंकित नही कराया गया और बयान की वीडियोग्राफी भी नहीं कराई गयी।

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मुकदमें में घटना की सत्यता को जानने हेतु विवेचक द्वारा संदिग्ध व्यक्तियों का सीडीयार प्राप्त किया गया परन्तु उक्त सीडीआर की गहनता से विश्लेषण नहीं किया गया है। घटनास्थल एवं मृतक की चोटों की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी को विवेचना में सम्मिलित नहीं किया गया है। मामले में थानेदार गुलरिहा को लाइन हाजिर करते हुए जांच अपराध शाखा को सौंपी गई है।

रिपोर्ट- पूर्णिमा श्रीवास्तव

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