पोषण ट्रैकर पर दर्ज 5300 बच्चे सितम्बर तक होंगे कुपोषण मुक्त, सितम्बर तक चलेगा अभियान

Gorakhpur News: बाल विकास विभाग के तहत कार्य करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की मदद से गांव-गांव अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित किया जाता है।

Update: 2024-07-28 09:14 GMT

पोषण ट्रैकर पर दर्ज 5300 बच्चे सितम्बर तक होंगे कुपोषण मुक्त (न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में कुपोषण के शिकार बच्चों को लेकर बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग का संयुक्त अभियान अगले सप्ताह से लेकर 30 सितम्बर तक चलेगा। इस दौरान बाल विकास विभाग के पोषण ट्रैकर पोर्टल पर दर्ज 5300 अति कुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग की मदद से 30 सितम्बर तक कुपोषण की श्रेणी से बाहर लाया जाएगा। इनके स्वास्थ्य की निगरानी बुधवार और शनिवार को आयोजित होने वाले पोषण दिवस पर भी होगा।

बाल विकास विभाग के तहत कार्य करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की मदद से गांव-गांव अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित किया जाता है। इन्हें विभाग के पोषण ट्रैकर पोर्टल पर दर्ज किया जाता है। कई बार आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित करने में चूक कर देती हैं। ऐसे में अब पोषण ट्रैकर पर दर्ज बच्चों की सूची को स्वास्थ्य विभाग के ई-कवच पोटर्ल पर अपडेट किया जाएगा। जिससे इन बच्चों की निगरानी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों द्वारा हो सके।

ई-कवच पोर्टल पर बच्चों की सूची दर्ज होने के बाद इन्हें प्रत्येक पीएचसी और सीएचसी पर तैनात मेडिकल ऑफिसर के द्वारा देखा जाता है। बुधवार और शनिवार को पोषण दिवस पर इन्हें छह प्रकार की दवाएं अतिकुपोषण से बाहर निकालने के लिए जरूरत के हिसाब से दी जाती हैं। इसे लेकर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर चिकित्सकों की टीम पोषण का इंतजाम करेगी। बाल विकास विभाग कुपोषित बच्चों को पोषण देने के लिए मिशन खिलखिलाहट चला रहा है। इसमें सीडीओ, समाज कल्याण अधिकारी से लेकर दर्जन भर अधिकारियों ने 165 बच्चों को गोद ले रखा है।

सूची को ई-कवच पोर्टल पर अपडेट किया जा रहा

डीपीओ अभिनव मिश्रा का कहना है कि अतिकुपोषित बच्चों को पोषण देकर सेहतमंद करने को लेकर बीते 22 जुलाई को लखनऊ में प्रदेश स्तरीय अधिकारियों की कार्यशाला आयोजित की थी। इसके बाद पोषण ट्रैकर पर दर्ज अतिकुपोषित बच्चों की सूची को ई-कवच पोर्टल पर अपडेट किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की मदद से सभी चिन्हित 5300 अतिकुपोषित बच्चों कसे कुपोषण से बाहर लाया जाएगा।

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