Gorakhpur: ED के छापे के बाद सपा नेता को याद आए गुलजार, फेसबुक पर लिखा पोस्ट

Gorakhpur:समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विनय शंकर तिवारी के गोरखपुर समेत देश के कई हिस्सों में मौजूद ठिकानों पर ईडी की कार्रवाई के बाद सियासत पूरे चरम पर है।

Update: 2024-02-25 10:01 GMT

ईडी के छापे के बाद सपा नेता को याद आए गुलजार (न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के गोरखपुर समेत देश के कई हिस्सों में मौजूद ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के बाद सियासत पूरे चरम पर है। गोरखपुर के धर्मशाला बाजार स्थित आवास पर समर्थकों का आना जाना रविवार को भी जारी है। पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी को लोगों से मिल रहे हैं। उधर, सपा नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व.पंडित हरिशंकर तिवारी के पुत्र विनय शंकर तिवारी की एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें उन्होंने गुलजार की लिखी लाइन ‘किताबों पर धूल जम जाने से नहीं मिटा करती है कहानी’ के साथ समर्थकों ही नहीं विरोधियों को भी संदेश दिया है।

सोशल मीडिया पर विनय शंकर ने लिखा है कि किताबों पर धूल जम जाने से कहानी मिटा नहीं करती। दमनकारी नीतियों और गीदड़ भभकियों से हम भी मिटने वाले नही हैं। अगर मिटना भी पड़ा तो झुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने लिखा कि हम पंडित हरिशंकर तिवारी के संस्कारों और पदचिन्हों पर चलने वाले लोग हैं। वह ब्राह्मण स्वाभिमान के प्रतीक रहे हैं। सरकार का वार सिर्फ मुझ पर होता तो समझौता कर लेता। पूरे मामले को यहां मसला ब्राह्मण स्वाभिमान का है।


तमाम झंझावातों के बावजूद पिता ने स्वाभिमान बचाए रखा। उन्हें भी रासुका व टाडा जैसे क्रूरतम कानूनों के सहारे कुचलने की कोशिश की गई थी। आज ईडी और सीबीआई जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग कर हमें दबाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने लिखा कि ताक पर ब्राह्मण स्वाभिमान है जिससे समझौता नहीं होगा। उन्होंने चेतावनी दी की ब्रह्मऋषि वशिष्ठ के वंशज व परशुराम के भक्त हैं। सरकार यह बात न भूले। हम अंतिम सांस तक स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं करेंगे।

दस्तावेजों की जांच जारी

पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी और मेसर्स गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड के अन्य निदेशकों, प्रमोटरों व शेयर धारकों के 10 ठिकानों पर शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापों में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। छापों में निवेश की आड़ में धन की हेराफेरी का बात सामने आ रही है। दस्तावेजों की जांच के बाद कंपनी और उसके निदेशकों की संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं। इससे पहले 72.08 करोड़ की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। जांच के दौरान यह भी पता चला कि कंपनी के मुख्य प्रमोटर विनय शंकर तिवारी, उनके परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों ने कंपनी के नाम पर बैंक से लिए लोन के पैसे की हेराफेरी और दुरुपयोग किया। विनय शंकर के कई रिश्तेदार कंपनी में या तो निदेशक हैं या फिर शेयरधारक या गारंटर हैं। इनके इस कृत्य से ऋण देने वाले बैंकों के कंसोर्टियम को 754 करोड़ की क्षति हुई।

गंगोत्री इंटरप्राइजेज ने लिया था 1129 करोड़ का लोन

मेसर्स गंगोत्री इंटरप्राइजेज ने बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में सात बैंकों के कन्सोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये लोन लिया था। ईडी ने 17 नवंबर 2023 को विनय शंकर और उनकी कंपनी के निदेशकों व शेयरधारकों की 72.08 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं। विनय शंकर और उनकी के निदेशकों व शेयरधारकों के विरुद्ध 2021 में दर्ज प्रिवेंशन आफ मनी लॉड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के केस में यह कार्रवाई हुई थी। ये संपत्तियां कई शहरों खासकर लखनऊ, गोरखपुर व महराजगंज जिले में थीं।

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