Chitragupta Puja 2023: चित्रगुप्त पूजा को लेकर भ्रम, जानें कब है कलम-दवात की पूजा का शुभ-मुहूर्त

Chitragupta Puja 2023: चित्रगुप्त मंदिर में कलम दवात की सामूहिक पूजा 15 नवम्बर को सुबह 10 बजे से होगी। 16 नवम्बर को शाम 6 बजे भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमाओं का विसर्जन होगा। इस दौरान शोभायात्रा भी निकाली जाएगी।

Update:2023-11-13 13:30 IST

गोरखपुर चित्रगुप्त मंदिर फाइल फोटो (Newstrack)

Chitragupta Puja 2023: दिवाली के दूसरे दिन यानि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान चित्रगुप्त यानी कलम-दवात की पूजा की जाती है। इसी दिन यम द्वितीया यानी भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस बार चित्रगुप्त पूजा 14 को है या 15 को इसे लेकर भ्रम की स्थिति है। हालांकि गोरखपुर के चित्रगुप्त मंदिर प्रशासन के मुताबिक, कलम दवात की पूजा 15 नवम्बर को होगी।

हिन्दू पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 14 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 36 मिनट पर होगी। जो अगले दिन 15 नवंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी। ज्योतिषाचार्य पंडित देवेन्द्र भट्ट ‘गुरु जी’ का कहना है कि ऋषिकेश पंचांग, जो कि सभी पंचांगों में सबसे प्रामाणिक मानी जाती है, के अनुसार नवंबर दिन मंगलवार को गोवर्धन पूजा होगी। वहीं , 15 नवंबर दिन बुधवार को भ्रातृ द्वितीय एवं चित्रगुप्त पूजा है। ज्योतिषाचार्य मनीष मोहन का कहना है कि कलम दवात की पूजा 15 नवम्बर को करना ही शुभकारी है। हिन्दू त्योहार उदया तिथि से होती है। राहुकाल को छोड़कर किसी भी शुभ मुहूर्त में पूजा की जा सकती है। 15 नवम्बर को दिन में 1.47 बजे से पहले कलत दवात की पूजा हो जानी चाहिए। चित्रगुप्त मंदिर सभा गोरखपुर के जुड़े शौवाल शंकर श्रीवास्तव ने बताया कि बक्शीपुर स्थित चित्रगुप्त मंदिर में कलम दवात की सामूहिक पूजा 15 नवम्बर को सुबह 10 बजे से होगी। 16 नवम्बर को शाम 6 बजे भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमाओं का विसर्जन होगा। इस दौरान शोभायात्रा भी निकाली जाएगी।


यमराज के सहायक हैं भगवान चित्रगुप्त

मान्यता है कि कायस्थ समाज के अराध्य भगवान चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्मा जी की काया हुआ है। इस दिन कारोबार से जुड़े काम का लेखा-जोखा चित्रगुप्त के समक्ष रखा जाता है। भगवान चित्रगुप्त यमराज के सहायक है। मृत्यु के बाद चित्रगुप्त ही यमराज को मनुष्यों के अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब बताते हैं जिसके बाद जीवात्मा के स्वर्ग या नर्क जाने का निर्णय लिया जाता है. यम द्वितीया के दिन चित्रगुप्त प्रतिरूप बहीखातों और कलम की पूजा की जाती है। मान्यता है कि भगवान चित्रगुप्त का स्मरण करने से कार्य में उन्नति, आकर्षित वाणी और बुद्धि में वृद्धि का वरदान प्राप्त होता है। 

Tags:    

Similar News