Guru Purnima 2024: गुरु पूर्णिमा पर सीएम योगी ने किया रुद्राभिषेक, गुरु-शिष्य परंपरा का अनुपम उदाहरण है गोरक्षपीठ

Guru Purnima 2024: गुरु पूर्णिमा के दिन रविवार को गोरखनाथ मंदिर में गुरु पूजन का सिलसिला तड़के से ही शुरू हो गया। गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ सुबह सबसे पहले गुरु गोरक्षनाथ की पूरे विधि विधान से पूजा किया।

Update:2024-07-21 07:53 IST

गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में रुद्राभिषेक करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Video: Newstrack)

Guru Purnima 2024: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रविवार को सुबह गोरक्ष पीठाधीश्वर और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ लोक कल्याण के लिए रुद्राभिषेक किया। गुरु-शिष्य परंपरा के अनुपम उदाहरण माने जाने वाले गोरक्षपीठ में गुरु पूर्णिमा के आयोजन की शुरूआत हो गई है।

गुरु पूर्णिमा के दिन रविवार को गोरखनाथ मंदिर में गुरु पूजन का सिलसिला तड़के से ही शुरू हो गया। गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ सुबह सबसे पहले गुरु गोरक्षनाथ की पूरे विधि विधान से पूजा किया। इस दौरान उन्होंने शिवावतार गुरु गोरक्षनाथ को भोग लगाया। मुख्यमंत्री ने रुद्राभिषेक कर लोक कल्याण की कामना की। इसके बाद नाथपंथ के सभी योगियों के समाधिस्थल और देवी देवताओं के मंदिर में विशेष पूजन का कार्यक्रम होगा। अंत में सामूहिक आरती होगी। गुरु पूजन के बाद गोरक्षपीठाधीश्वर अपने शिष्यों के बीच आएंगे। शिष्यगण गोरक्षपीठाधीश्वर को तिलक लगाकर उनका आशीर्वाद लेंगे। इस अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में चल रही श्रीरामकथा की पूर्णाहुति भी होगी।

गुरु-शिष्य परंपरा पूरे विश्व में मिसाल

गोरखनाथ मंदिर की गुरु-शिष्य परंपरा पूरे विश्व में मिसाल है। नाथ पंथ योगियों ने गुरु भक्ति और गुरु-शिष्य में योग परंपरा के स्थानांतरण की सनातन संस्कृति को अक्षुण्य बनाए रखा है। गुरु पूर्णिमा के दिन होने वाले आयोजनों के जरिए गुरु के प्रति सम्मान कायम रखने का संदेश भी प्रसारित होता है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री के रूप में तमाम व्यस्तताओं के बावजूद योगी आदित्यनाथ जब भी गोरखनाथ मंदिर पहुंचते हैं तो सबसे पहले अपने स्मृतिशेष गुरु का ही आशीष लेते हैं। यह सिलसिला उनके मठ में रहने तक जारी रहता है। गुरु-शिष्य का ऐसा ही संबंध योगी के गुरु महंत अवेद्यनाथ और उनके गुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ में भी था। अपने व्यापक सामाजिक सरोकारों के नाते इस पीठ के प्रति लाखों-करोड़ों लोगों की स्वाभाविक सी श्रद्धा है।

देश के कोने-कोने से आए हैं शिष्य

इस पीठ के प्रति शिष्यों की श्रद्धा हर एक मौके पर दिख जाती है। मकर संक्रांति और गुरु पूर्णिमा के दिन पीठाधीश्वर के प्रति श्रद्धा निवेदित करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु बिहार से लेकर देश भर के कोने-कोने और नेपाल से भी जुटते हैं। इस बार भी एक दिन पहले शनिवार को ही गोरखनाथ मंदिर में दिल्ली, हरियाणा, पीलीभीत, हरिद्वार सहित अनेक जगहों से नाथपंथ के अनुयायियों के अलावा संत-महात्मा पहुंच चुके हैं। वे मंदिर के साधना भवन में ठहरे हुए हैं। रविवार सुबह वे गोरक्षपीठाधीश्वर से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।


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