Gorakhpur: धुरियापार की बंद चीनी मिल किसानों के लिए फिर साबित होगी वरदान

Gorakhpur News: महाशिवरात्रि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को धुरियापार में बने इंडियन ऑयल के सीबीजी प्लांट का लोकार्पण करेंगे।

Update: 2024-03-07 12:57 GMT

धुरियापार बायो गैस प्लांट का निरीक्षण करते डीएम और कमिश्नर। (Pic: Newstrack)

Gorakhpur: पावन पर्व महाशिवरात्रि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को धुरियापार में बने इंडियन ऑयल के सीबीजी प्लांट का लोकार्पण करेंगे। समारोह धुरियापार की बंद चीनी मिल परिसर में 8 मार्च, दिन शुक्रवार को दोपहर बाद होगा। धुरियापार की बंद पड़ी चीनी मिल के 50 एकड़ परिसर में बायो फ्यूल कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराने की जिम्मेदारी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड को मिली है। इस कॉम्प्लेक्स में पहले चरण में सीबीजी (कंप्रेस्ड बायो गैस) और दूसरे चरण में एथेनाल का उत्पादन होना है। इंडियन ऑयल ने सीबीजी (कंप्रेस्ड बायो गैस) प्लांट का निर्माण धुरियापार चीनी मिल परिसर में 18 एकड़ भूमि पर 165 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश से किया है। इस प्लांट के निर्माण में 95 प्रतिशत स्थानीय सामग्री का उपयोग किया गया है। निर्माण पूर्ण होने के बाद यहां अक्टूबर 2023 से सीबीजी उत्पादन का ट्रायल किया जा रहा था। अब शुक्रवार को सीएम योगी इसका विधिवत उद्घाटन करेंगे।

प्रतिदिन 20 एमटी सीबीजी और 125 एमटी जैविक खाद का होगा उत्पादन

निर्धारित क्षमता पर प्लांट प्रतिदिन 200 मीट्रिक टन कृषि अवशेष (धान का भूसा) 20 मीट्रिक टन प्रेसमड और 10 मीट्रिक टन मवेशियो के गोबर का उपयोग करेगा। बायोगैस प्लांट प्रतिदिन लगभग 20 मीट्रिक टन बायोगैस और 125 मीट्रिक टन जैविक खाद का उत्पादन करेगा। इस प्लांट की अन्य महत्वपूर्ण विशेषताओ में से एक विशेषता यह है कि यह प्रदूषण के प्रति अत्यन्त संवेदनशील है तथा दूसरी विशेषता यह है कि इसमें लिक्विड डिस्चार्ज शून्य है। यहां उत्पादित बायोगैस को इस क्षेत्र के आसपास के स्थानीय इंडियन आयल पेट्रोल पंपों के माध्यम से बेचा जायेगा। इससे गोरखपुर के आसपास के सीएनजी चालित वाहनों को ईधन उपलब्ध कराया जायेगा।

प्लांट के लिए जरूरी पराली से बढ़ेगी किसानों की आय

प्लांट के लिए जरूरी 70000 मीट्रिक टन पराली गोरखपुर के आसपास के 30-35 हजार किसानों के माध्यम से उनके खेतों से एकत्रित की जायेगी। पराली एकत्रण का यह कार्य न केवल किसानों की आय में वृद्धि करने में सहायक होगा, साथ ही पराली जलाने की समस्या से भी निजात मिलेगा। इसके साथ ही उत्पादन से वितरण तक विभिन्न प्रकार के रोजगार भी सृजित होंगे। सीबीजी प्लांट से उत्पादित जैविक खाद फसलों का उत्पादन बढ़ाने के साथ मिट्टी के स्वास्थ्य की भी रक्षा करेगी।

Tags:    

Similar News