देख रहे हो न विनोद ! तुम्हें भारत रत्न से अयोग्य बताने में अफसरों को 40 दिन लग गए, क्या तुम इससे सहमत हो?

Gorakhpur News:यूपी के गोरखपुर जिले में पिपराइच निवासी विनोद कुमार गौड़ कथा वाचक हैं। उन्होंने बीते सितंबर माह में कमिश्नर से लेकर जिलाधिकारी तक को पत्र लिखकर भारत सरकार से 'भारत रत्न' की मांग की थी।

Update:2023-11-22 08:51 IST

Vinod Kumar Gaur (Social Media)

Gorakhpur News: आखिरकार गोरखपुर के विनोद कुमार गौड़ (Vinod Kumar Gaur) के 'भारत रत्न' के दावे को अधिकारियों ने खारिज कर दिया। जिलाधिकारी कार्यालय के लिपिक ने विनोद कुमार को फोन कर बताया कि अभी आप की उपलब्धि ऐसी नहीं है कि आपको भारत रत्न दे दिया जाए।

वहीं, विनोद का दावा है कि राष्ट्रपति कार्यालय (President's Office) से भी उनके पास बीते 20 नवंबर को फोन आया था। जिसमें उन्हें भारत रत्न के लिए अयोग्य बताया गया था। तब विनोद ने राष्ट्रपति भवन से फोन करने वाले से कहा था कि वह अब और मन लगाकर ध्यान करेंगे।

कौन हैं विनोद कुमार गौड़?

यूपी के गोरखपुर जिले में पिपराइच निवासी विनोद कुमार गौड़ कथा वाचक हैं। उन्होंने बीते सितंबर माह में अंतःकरण से पहली बार ये आवाज आई थी। कमिश्नर से लेकर जिलाधिकारी तक को पत्र लिखकर भारत सरकार से 'भारत रत्न' की मांग की थी। अपर आयुक्त को उन्होंने पहला पत्र 10 अक्टूबर को लिखा था। उनका यह पत्र कमिश्नर, जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी सदर, तहसीलदार से लेकर मुख्य विकास अधिकारी के टेबल तक पहुंचा। सभी ने चिड़िया बिठाकर पत्र को आगे बढ़ा दिया। लेकिन किसी ने पत्र को पढ़ने और इसकी गम्भीरता को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया। मीडिया में यह पत्र वायरल हुआ तो अधिकारियों के होश उड़े।

अंतःकरण से आई आवाज, मुझे मिले 'भारत रत्न' 

दरअसल, भारत रत्न की मांग करने वाले विनोद की दलील है कि पिछले दिनों संध्या वंदन में तपस्या के दौरान उनके अंत:करण से आवाज आई कि मुझे भारत रत्न मिलना चाहिए। ये आवाज़ दो बार आई। इसलिए भारत सरकार से भारत रत्न की मांग कर रहा। अब विनोद कुमार का प्रशासनिक अधिकारियों को लिखा हुआ पत्र तेजी से वायरल हो रहा है। बता दें कि, विनोद मूल रूप से कुसम्ही जंगल क्षेत्र में रहते हैं। गोरखपुर शहर में वह बिलंदपुर में कबाड़ी गली में इन्द्रावती सिंह के मकान में किरायेदार हैं। लोग इस पत्र को फेसबुक, एक्स से लेकर इंस्टाग्राम पर शेयर कर मजे ले रहे हैं।

सबसे पहले कमिश्नर को लिखा पत्र

पिछले महीने विनोद कुमार ने पहला पत्र कमिश्नर कार्यालय को लिखा था। इसके बाद अब यह पत्र विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपों में लोगों द्वारा वायरल किया जा रहा है। विनोद कुमार द्वारा लिखे शब्दों को लेकर लोग आनंद ले रहे हैं। पत्र में उन्होंने लिखा है कि ‘पिछले दिनों मै ध्यान साधना में बैठकर तपस्या कर रहा था। अचानक मेरे अन्तःकरण से मुझे भारत रत्न चाहिए- मुझे भारत रत्न चाहिए की आवाज बहुत तीव्र गति से उत्पन्न होने लगी। अतः आप श्रीमान जी से निवेदन है कि प्रार्थी को समस्त मनोकामना पूर्ण करने के साथ ही भारत रत्न से सम्मानित कराने की कृपा करें।’

जिलाधिकारी अभी जांच करा रहा

हालांकि, जिलाधिकारी कार्यालय से विनोद को फोन पर भारत रत्न को लेकर मना कर दिया गया है। लेकिन कागजी कार्यवाही अभी चल रही है। अभी विनोद के गांव में लेखपाल ने ग्रामीणों का बयान नहीं लिया है। जिलाधिकारी का कहना है कि कागजी औपचारिकता में समय लगता है। भारत रत्न को लेकर आवेदक को स्थिति साफ कर दी गई है।

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