Gorakhpur: BRD में IUI सेंटर बना निःसंतान दंपतियों के लिए वरदान, मिलेगा संतान सुख

Gorakhpur: IUI सेंटर का उद्घाटन प्राचार्य डॉ रामकुमार जायसवाल एवं बांझपन रोग विशेषज्ञ डॉ सोम सिंह ने किया। डॉ सोम सिंह ने बताया कि देश में 20 से 25 फीसदी दंपति संतान सुख से वंचित हैं।

Update: 2024-08-11 10:22 GMT

बीआरडी में खुला इंट्रा यूटराइन इनसेमिनेशन सेंटर (न्यूजट्रैक) 

Gorakhpur News: संतान सुख सिर्फ महिलाओं के ही नहीं पुरुषों से जुड़ी समस्या से नहीं मिलता है। इसमें एक बड़ा कारण है पुरुषों में स्पर्म काउंट का कम होना। अब उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में आईयूआई की सुविधा शुरू हो गई है। इस पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन का रविवार को अंतिम दिन है। बीआरडी में खुला इंट्रा यूटराइन इनसेमिनेशन(आईयूआई) सेंटर में दंपतियों के लिए वरदान साबित होगा।

आईयूआई सेंटर का उद्घाटन प्राचार्य डॉ रामकुमार जायसवाल एवं बांझपन रोग विशेषज्ञ डॉ सोम सिंह ने किया। इस दौरान डॉ सोम सिंह ने बताया कि देश में 20 से 25 फीसदी दंपति संतान सुख से वंचित हैं। इनमें से करीब 40 फीसदी दंपति में बांझपन की वजह पुरुष सदस्य होते हैं। जिस दंपति में बांझपन की वजह पुरुष हो उसमें आईयूआई विधि सबसे कारगर है। इसमें ऐसे पुरुषों का चयन किया जाता है। जिनमें स्पर्म काउंट कम हो। कुछ दवाओं से स्पर्म काउंट को बेहतर बनाया जाता है। इस दौरान प्राचार्य ने बताया कि भाग दौड़ भरी जिंदगी और देर से हो रही शादी के कारण बांझपन के मामले बढ़ रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में ऐसे दंपति को पूरी तरह इलाज मुहैया कराने के लिए इस केंद्र की शुरुआत की गई है। भविष्य में इसका और भी विस्तार होना है।

ऐसे अलग करते हैं ताकतवर स्पर्म

आईयूआई में पुरुष के सशक्त स्पर्म को तलाशकर वाश किया जाता है। कमजोर स्पर्म को बाहर निकाला जाता है। सशक्त स्पर्म के पुरुष की फिमेल पार्टनर के बच्चेदानी में प्रत्यारोपित किया जाता है। यह एक सुरक्षित गर्भधारण की विधि है। खास बात यह है कि इसका सक्सेस रेट भी 20 तक है। यह किफायती तकनीक है। इसे तीन से चार बार तक प्रयास किया जा सकता हैं। चिकित्सकों के मुताबिक, जिन दंपतियों के विवाह के अधिकतम 6 वर्ष हुए हो और महिला की उम्र 35 वर्ष से कम हो तो उसमें सक्सेस रेट अधिक होता है।

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