UP के राजकीय पक्षी सारस को क्यों मानते हैं अमर प्रेम का प्रतीक, जानें क्यों पसंद आ रही है गोरक्षभूमि की धरती

Gorakhpur News: गोरखपुर वन विभाग के अंतर्गत कुल 11 रेंज है। इन रेंजों में कुछ खास इलाके हैं, जो सारस के लिए उपयुक्त है। इन इलाकों में हर दिन सुबह और शाम सारस अपने जोड़ों में दिखाई देते हैं।

Update: 2024-06-29 03:48 GMT

सारस का जोड़ा (Pic: Newstrack)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के राजकीय पक्षी सारस को गोरखपुर और आसपास के जिलों की आबोहवा खूब पसंद आ रही है। गोरखपुर ही नहीं महराजगंज जिले में सारसों की संख्या साल दर साल बढ़ रही है। अमर प्रेम के प्रतीक इस सारसों की संख्या पिछले तीन साल में छह गुना तक बढ़ गई है। अमर प्रेम के प्रतीक माने जाने वाले सारस की संख्या बढ़ने के पीछे वन विभाग के प्रयास को भी अहम माना जा रहा है।

गोरखपुर वन विभाग के अंतर्गत कुल 11 रेंज है। इन रेंजों में कुछ खास इलाके हैं, जो सारस के लिए उपयुक्त है। इन इलाकों में हर दिन सुबह और शाम सारस अपने जोड़ों में दिखाई देते हैं। ऐसे स्थानों पर वन विभाग की टीम प्रतिदिन गश्त कर उनकी गणना करती है। खास बात यह है कि सारस एक ही क्षेत्र में रहते हैं। उसी इलाके में अपना घोंसला भी बनाते हैं। कई बार देखा गया है कि यदि सारस के जोड़े में एक की मौत हो जाती है तो दूसरा भी कुछ दिनों के अंदर ही प्राण त्याग देता है। इसलिए इन्हें प्रेम का प्रतीक भी कहा जाता है। पर्यावरणविद मनीष कुमार बताते हैं कि यह पक्षी अपने जीवन काल में मात्र एक बार जोड़ा बनाता है और जोड़ा बनाने के बाद सारस युगल पूरे जीवन भर साथ रहते हैं।

महराजगंज में दिखी थी सारसों की संवेदना

महराजगंज में चार साल पहले उत्तरी चौक रेंज के ग्राम सभा मुड़िला के खेत में हाईवोल्टेज करंट की चपेट में आने से एक सारस पक्षी की मौत हो गई थी। सारस की मौत से आसपास के ग्रामीण जुट गए। थोड़ी देर में दो जोड़ा सारस पक्षी, मृत पड़े सारस के अगल-बगल बैठ गए। सारस तेज आवाज में चिल्ला रहे थे। उनके करीब जाने में कोई हिम्मत नहीं जुटा पाया। इस सारस का जोड़ा भी कुछ दिनों बाद दुनिया छोड़ दिया।

तीन वर्षों में 128 से 675 पहुंच गई सारसों की संख्या

वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2021 में जिले में कुल राजकीय पक्षियों की संख्या 128 थी। इनमें 112 व्यस्क और 16 बच्चे शामिल थे, लेकिन इसके बाद से इनका कुनबा बढ़ता ही गया। 2022 में यह संख्या पहुंचकर 187 पहुंच गई। इसमें 169 व्यस्क और 18 बच्चे शामिल थे। 2023 में कुल सारसों की संख्या 426 पहुंच गई। इनमें 347 व्यस्क और 79 बच्चे शामिल थे। इस साल जून माह में जब वन विभाग ने इनकी गणना कराई तो यह संख्या 675 पहुंच गई है। इनमें 576 व्यस्क और 99 बच्चे शामिल हैं। इनकी संख्या बढ़ने पर विभाग ने खुशी जताई है। डीएफओ विकास यादव ने बताया कि इनकी जनसंख्या बढ़नी पर्यावरण के लिए बेहद अनुकूल है। इन्हें बेहतर भोजन और रहने के लिए अच्छा पर्यावरण गोरक्षनगरी में मिल रहा है।

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