Gorakhpur: सिर्फ नाम का गोरखपुर एम्स, बेहतर इलाज की उम्मीद में आ रहे मरीज हो रहे रेफर

Gorakhpur News: जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की तरफ रेफरल केन्द्र बन कर रहा गया है। पिछले एक महीने में 150 से अधिक रेफर हुए केस खुद एम्स की हकीकत को बयां कर रहे हैं।

Update: 2024-06-29 02:34 GMT

गोरखपुर एम्स  (photo: social media )

Gorakhpur News:  गम्भीर से गम्भीर बीमारियों के इलाज की अंतिम उम्मीद होता है एम्स। गोरखपुर में 2019 में पीएम नरेन्द्र मोदी ने एम्स का शुभारंभ किया तो पूर्वांचल, बिहार के साथ मित्र राष्ट्र नेपाल के लोगों को उम्मीदें जगीं कि अब दिल्ली और लखनऊ नहीं गोरखपुर एम्स में ही जटिल बीमारियों का इलाज संभव होगा। लेकिन स्थिति यह है कि एम्स भी जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की तरफ रेफरल केन्द्र बन कर रहा गया है। पिछले एक महीने में 150 से अधिक रेफर हुए केस खुद एम्स की हकीकत को बयां कर रहे हैं।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जटिज बीमारियों के इलाज के लिए आने वाले मरीजों को बीआरडी मेडिकल कॉलेज से लेकर लखनऊ तक रेफर कर दिया जा रहा है। रोजाना छह से सात मरीज एम्स के इमरजेंसी से रेफर किए जा रहे हैं। पिछले 30 दिनों के अंदर 160 मरीज एम्स इमरजेंसी से बीआरडी और लखनऊ रेफर किए गए हैं। सिवान बिहार के रहने वाले ध्रुव शाह (75) शुक्रवार की सुबह आठ बजे अपने बेटे विनय कुमार शाह के साथ एम्स के इमरजेंसी में आए। शाम होते अचानक बेड खाली नहीं है कहकर रेफर कर दिया गया। बेटे ने बताया कि पिता की दो दिन से तबीयत खराब थी। एक मरीज ने बताया कि जांच कराने के बाद रिपोर्ट मिलने में दिक्कत। रिपोर्ट को लेकर भी सवाल उठते हैं। बिहार के एक मरीज ने बताया कि रेफर की बात सुनते ही एम्स में तैनात गार्ड मरीजों को भगाने लगते हैं। एम्स के नाम पर पीएम नरेन्द्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक राजनीति करते हैं। लेकिन एम्स ऐसा तो नहीं होता है। दिल्ली की स्थिति तो काफी अच्छी है।

चिकित्सक मिल नहीं रहे, कई बिभाग सक्रिय नहीं

एम्स के इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को कोरोनरी केयर यूनिट, न्यूरो-क्रिटिकल केयर यूनिट, पल्मोनरी क्रिटिकल केयर यूनिट और नेफ्रो क्रिटिकल केयर यूनिट न होने की वजह से रेफर किया जा रहा है। एम्स में ये सुविधाएं कब शुरू होंगी, इसका जवाब नहीं मिलता है। जिम्मेदार कहते हैं कि एम्स प्रशासन इन स्पेशलिस्ट पदों को कई बार वैकेंसी निकाल चुका है, लेकिन डॉक्टर मिल नहीं रहे हैं। एम्स के मीडिया प्रभारी डॉ.अरुप मोहंती का कहना है कि अभी एम्स में कई तरह की सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं नहीं शुरू की गई है। इसकी वजह से मरीजों को रेफर करना पड़ता है।

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