खुशखबरी! यूपी में खुलेंगे सरकारी प्री-प्राइमरी स्कूल, होगी ये ख़ास व्यवस्था
यूपी के आंगनबाड़ी केंद्रों को भी प्री प्राइमरी स्कूलों में तब्दील किया जायेगा। प्रदेश सरकार ने इसकी पूरी कार्ययोजना तैयार करते हुए सभी जिलों में आगामी पहली अप्रैल से इसे शुरू करने की तैयारी है।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: यूपी में प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा अब केंद्रीय स्कूल की तर्ज पर चलने जा रही है। एनसीआरटी का पाठ्यक्रम पैटर्न अपनाने के बाद अब यूपी सरकार केंद्रीय स्कूलों की तरह ही अब प्री-प्राइमरी स्कूल भी शुरू करने जा रही है। इसके लिए यूपी के आंगनबाड़ी केंद्रों को भी प्री प्राइमरी स्कूलों में तब्दील किया जायेगा। प्रदेश सरकार ने इसकी पूरी कार्ययोजना तैयार करते हुए सभी जिलों में आगामी पहली अप्रैल से इसे शुरू करने की तैयारी है। आगामी बजट सत्र में इससे संबंधित प्रस्ताव को सदन में पेश किए जाने की संभावना है।
आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ही ये विद्यालय चलाए जाएंगे
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन प्री-प्राइमरी स्कूलों के लिए नये भवन नहीं बनाए जाएंगे। अभी प्राथमिक विद्यालय या जहां पर प्राथमिक विद्यालय दूर हैं, वहां पर गांव में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ही ये विद्यालय चलाए जाएंगे। प्री-प्राइमरी के बच्चों को शिक्षा के साथ ही पुष्टाहार भी दिया जाता रहेगा। उनके शारीरिक सौष्टव का ध्यान रखने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का दायित्व और बढ़ जाएगा।
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इस योजना में बच्चों को अध्ययन के साथ ही दूध और पुष्टाहार दिये जाने की व्यवस्था है। इस योजना में भारतीय शिक्षा मिशन और बाल एवं पुष्टाहार विभाग भी शामिल रहेगा। उससे भी पूरा सहयोग लिया जाएगा लेकिन पूरी व्यवस्था के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे। इन प्री-प्राइमरी स्कूलों में तीन से पांच वर्ष तक के बच्चों को प्रवेश दिया जायेगा।
प्रदेश सरकार प्री-प्राइमरी शिक्षा शुरू करने के लिए सुझाव मांगा था
दरअसल, यूपी की योगी सरकार पिछले कुछ समय से प्रदेश की बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणा ऐप और कायाकल्प योजना समेत कई प्रयोग कर रही है। इसी के तहत प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग से राज्य में प्री-प्राइमरी शिक्षा शुरू करने के लिए सुझाव मांगा था। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने प्री-प्राइमरी शिक्षा का पूरा ब्लू प्रिंट शासन को भेज दिया है। जिसको अमलीजामा पहनाने के लिए शासन ने इसे इसी वर्ष से शुरू करने का निर्देश बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिया है।
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