सभी के लिए प्रेरणा बन रही सिद्धार्थनगर की गुंजन चौरसिया, बोलने-सुनने में हैं असमर्थ
भनवापुर ब्लाक क्षेत्र के सेमरी गांव निवासी बजरंगी चौरसिया के तीन बच्चों में दूसरे नंबर की बेटी गुंजन चौरसिया जन्म से दिव्यांग (मूक बधिर) है।
इंतजार हैदर
सिद्धार्थनगर: शबाश गुंजन! तुम्हारे जज्बे को सलाम। गुजंन न बोल सकती है, न सुन सकती है। परिजनों को इसकी चिंता सता रही थी आखिर लड़की है दूसरे के घर जाना है। मगर गुंजन चौरसिया महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन रही है। सिलाई कढ़ाई में निपुण है तो वहीं पढ़ाई में भी अव्वल रही।
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भनवापुर ब्लाक क्षेत्र के सेमरी गांव निवासी बजरंगी चौरसिया के तीन बच्चों में दूसरे नंबर की बेटी गुंजन चौरसिया जन्म से दिव्यांग (मूक बधिर) है। जन्म के बाद से उम्र बढ़ने पर पिता की चिंता बेटी गुंजन को लेकर सता रही थी। प्राथमिक शिक्षा रमवापुर राउत स्थित प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय में ग्रहण करने के बाद। 2018-19 में राधिका इंटरनेशनल एकेडमी चैनियां से हाई स्कूल परीक्षा में 63% अंकों के साथ उत्तीर्ण की तथा वर्तमान समय में इसी विद्यालय में कक्षा बारह की छात्रा है।
गुंजन चौरसिया के पिता बजरंगी चौरसिया ने बताया कि बचपन से ही गुंजन का मन पढ़ाई के साथ-साथ सिलाई कढ़ाई में लगता था। जिसको देखते हुए हमने उसको आगे बढ़ने में प्रेरित किया और बिना किसी ट्यूशन व कोचिंग के हाईस्कूल की परीक्षा में प्रथम श्रेणी पास हुई।
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फैशन डिजाइनिंग करना चाहती है गुंजन
दिव्यांग गुंजन पढ़ाई के साथ साथ करीब तीन घंटे अपने घर पर जहां गांव की दर्जनों महिलाओं व बच्चियों को सिलाई कढ़ाई सिखा कर आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है तो वहीं खुद फ़ैशन डिज़ायनिंग करने का सपना लिए आगे बढ़ रही है।
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