गुटखा कंपनी बनी गोरखपुर महोत्सव की सहप्रायोजक, मामले ने पकड़ा तूल
अजीब विडंबना है कि जहां एक ओर तंबाकू से जुड़े उत्पादों से होने वाली बीमारियों और इसकी रोकथाम के लिए सरकार लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। वहीं सीएम नगरी में हो रहे गोरखपुर महोत्सव में धूम्रपान निषेध की छोटी होर्डिंग के साथ महोत्सव के सहप्रयोजक के रूप में एक गुटखा कंपनी का बड़ा सा स्टॉल कहीं न कहीं लोगों को पान मसाला खाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
गोरखपुर: अजीब विडंबना है कि जहां एक ओर तंबाकू से जुड़े उत्पादों से होने वाली बीमारियों और इसकी रोकथाम के लिए सरकार लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। वहीं सीएम नगरी में हो रहे गोरखपुर महोत्सव में धूम्रपान निषेध की छोटी होर्डिंग के साथ महोत्सव के सहप्रयोजक के रूप में एक गुटखा कंपनी का बड़ा सा स्टॉल कहीं न कहीं लोगों को पान मसाला खाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
गोरखपुर महोत्सव की सहप्रायोजक है गुटखा कंपनी
हद तो यह है कि इस प्रकार के तमाम आयोजन में पहले भी इस गुटखा कंपनी को सहप्रायोजक का दर्जा हासिल था, जिसके लिए अनेकों संगठनों ने आवाज उठाई थी। लेकिन सरकारी रौब के आगे उनकी आवाज नक्कारखाने की तूती बन कर रह गई। फिलहाल, अब ये मामला तूल पकड़ने लगा है कि इतने बड़े महोत्सव में पान मसाले का प्रचार-प्रसार कितना जायज है तब जब इस महोत्सव पर सभी की नजरे टिकी हुई है और इस महोत्सव में राज्यपाल और सीएम का भी जुड़ाव है। साथ ही जिले के सभी आला अधिकारी इस महोत्सव का हिस्सा है।
आपको बता दें कि इससे पूर्व में हुए गोरखपुर महोत्सव में भी शुद्ध प्लस के प्रायोजक होने पर सवालिया निशान लगे थे। इसके बावजूद इस बार भी अधिकारियों ने इससे सिख नहीं ली। अब देखना होगा कि तीन दिन के इस महोत्सव में जिसमे करोड़ों रुपए सरकारी मदद से आये हुए है फिर पान मसाला वाली कंपनी को सहप्रायोजक बनाने का क्या औचित्य था। किसी भी जिम्मेदार अधिकारी की नजर आखिर क्यों नही पड़ी जबकी पानमसाले का पांडाल मंच से चन्द कदमो की दूरी पर ही लगा हुआ है और तो और इस पानमसाला कंपनी की ओर बड़े-बड़े होर्डिंग और बैनरों को भी लगाया हुआ है|
जब इस सिलसिले में पान मसाला कंपनी के मालिक अमर तुलस्यान ने बताया कि उन्हें काफी खुशी है कि उन्हें इतने बड़े महोत्सव का सह प्रायोजक बनाया गया है।