Gyanvapi mosque survey: सर्वे करने टीम पहुंची ज्ञानवापी मस्जिद, सड़क पर हुआ जमकर हंगामा
Gyanvapi mosque survey: कोर्ट की तरफ से नियुक्त वकील कमिश्नर सर्वे करेंगे। वो देखेंगे कि मां श्रृंगार गौरी सहित दूसरे विग्रह तथा देवताओं की स्थिति क्या है? इस सर्वे में किसी तरह की नापी आदि नहीं होगी।
Gyanvapi mosque survey: वाराणसी (Varanasi) स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) में अदालत के बाद सर्वे (Survey) की कार्रवाई के लिए आज,06 मई को कोर्ट कमिश्नर सहित हिंदू व मुस्लिम पक्ष के वादी तथा वकीलों ने भीतर प्रवेश किया। इस बात से खफा मुस्लिम समाज के युवाओं ने विरोध और जमकर नारेबाजी की। नारेबाजी काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट संख्या- 4 पर हुई।
काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर उपस्थित मुस्लिम पक्ष के लोगों का कहना है, कि यहां पहले 'हर-हर महादेव' के नारे लगे थे। जिसके बाद नारेबाजी हुई। आखिर हम कब तक चुप रहें।
परिसर की होगी वीडियोग्राफी, सर्वे
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) परिसर में आज वीडियोग्राफी (Videography) होनी है। दरअसल, जिले की एक अदालत ने मंदिर परिसर के भीतर श्रृंगार गौरी सहित कई विग्रह का सर्वे तथा वीडियोग्राफी करने का आदेश दिया था। कोर्ट की तरफ से नियुक्त वकील कमिश्नर सर्वे करेंगे। वो देखेंगे कि मां श्रृंगार गौरी सहित दूसरे विग्रह तथा देवताओं की स्थिति क्या है? इस सर्वे में किसी तरह की नापी आदि नहीं होगी। मंदिर और विग्रह कहां-कहां है इसका सर्वे किया जाएगा।
लगाई थी सुरक्षा की गुहार
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि श्रृंगार गौरी और दूसरे विग्रहों और देवी-देवताओं के स्थान का सर्वे किया जाएगा। इसके लिए कोर्ट की तरफ से अजय कुमार मिश्रा जो वकील कमिश्नर हैं, को नियुक्त किया गया। अजय कुमार मिश्रा अपनी और सर्वे के लिए गए सामानों की सुरक्षा की गुहार पहले ही लगा चुके हैं। इस पर कोर्ट ने उनकी और सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट को दी।
..वो मंदिर है कहां?
इस मुद्दे पर ज्ञानवापी मस्जिद की संस्था अंजुमन इंतजामिया मसाजिद (Anjuman Inazaniya Masajid) के वकील ने मीडिया से पहले ही कहा था, कि 'सर्वे में जिस श्रृंगार गौरी मंदिर की बात की जा रही है पहले पूछा जाएगा कि वो मंदिर है कहां? मस्जिद के परिसर में ऐसा कोई मंदिर या कोई विग्रह मौजूद नहीं है।
मस्जिद में प्रवेश करने नहीं देंगे
बता दें कि, कोर्ट के आदेश के बाद से ही ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े पक्षकार इसका विरोध करने लगे थे। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी के जॉइंट सेकेट्री ने तो यहां तक कहा था, कि वो वीडियोग्राफी के लिए किसी को भी मस्जिद में प्रवेश करने नहीं देंगे।
हाईकोर्ट खारिज कर चुकी है याचिका
ज्ञात हो कि, वाराणसी सिविल कोर्ट (Varanasi Civil Court) ने इस मामले में इससे पहले 18 अप्रैल को वीडियोग्राफी के आदेश दिए थे। मगर, जिला प्रशासन की एक आपत्ति के बाद इस कार्यवाही को तब रोक दिया गया था। इसके बाद, ज्ञानवापी मस्जिद की संस्था अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने सिविल कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) का दरवाजा खटखटाया। मगर, हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया।