Gyanvapi Case Live Updates: ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी केस में फैसला शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच नहीं होगी
Gyanvapi Case Live Updates 14 October 2022: 11 अक्टूबर यानी पिछली सुनवाई में इस पर मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
Gyanvapi Case Live Update 14 October 2022: बहुचर्चित ज्ञानवापी – मां श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई आज वाराणसी के जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश के कोर्ट ने कार्बना डेटिंग जांच की याचिका खारिज कार्बन डेटिंग जांच नहीं होगी। अदालत कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर आज अपना फैसला सुना दिया है। ज्ञानवापी केस की सुनवाई पहले दो बजे शुरू होनी थी फिर इसका समय बदल कर दोपहर 2:30 बजे किया गया। जस्टिस एके विश्वेश की अदालत ने कार्बन डेटिंग जांच की मांग को खारिज कर दिया है। इससे पहले कोर्ट में सिर्फ 58 लोगों को प्रवेश की अनुमति दी गई थी। कोर्ट के बाहर जबरदस्त सुरक्षा प्रबंध किये गए थे। न्यायाधीश ने कहा कि शिवलिंग की किसी भी वैज्ञानिक जांच की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
ऐसा माना जा रहा है कि वादी पक्ष के शिवलिंग कहे जा रहे फव्वारे की कार्बन डेटिंग को लेकर एक मत नहीं था जिसको लेकर भी कार्बन डेटिंग को लेकर परस्पर विरोधी अर्जियां थीं। दूसरा मुस्लिम पक्ष की दलीलें भी थीं। फिलहाल वादी पक्ष ने इस मामलो को लेकर बड़ी अदालत में जाने की बात कही है।
मालूम हो कि सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने से मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा वैज्ञानिक जांच किए जाने की मांग को लेकर हिंदू पक्ष द्वारा याचिका दायर किया गया था। 11 अक्टूबर यानी पिछली सुनवाई में इस पर मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
अब अदालत तय करेगी की कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग या वैज्ञानिक जांच कराई जाए या नहीं। इसके अलावा इस केस में पक्षकार बनने के लिए आए 9 आवेदन पर भी सुनवाई के लिए अदालत ने आज ही का दिन तय किया है। कार्बन डेटिंग पर आदेश के मद्देनजर वाराणसी कोर्ट में सुरक्षा – व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई। खुफिया विभाग को भी निगरानी पर लगाया गया है।
दोनों पक्षों के अलग-अलग दावे
सर्वे में मिले शिवलिंग जैसे स्ट्रक्चर को हिंदू पक्ष जहां शिवलिंग बता रहा है, वहीं मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा है। इस पर हिंदू पक्ष ने अदालत से मांग की है कि कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग या उसके वैज्ञानिक परीक्षण कराया जाया, ताकि उसकी उम्र पता चल सके और मामला साफ हो जाए। बता दें कि कार्बन डेटिंग की मांग वाली याचिका चार महिलाओं दिल्ली की राखी सिंह और वाराणसी की सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक व लक्ष्मी देवी ने दायर की है।
पिछली सुनवाई में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी (मुस्लिम पक्ष) ने हिंदू पक्ष के इस मांग का विरोध करते हुए कहा कि कथित शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच की कोई जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि 16 मई 2022 को एडवोकेट कमिश्नर के सर्वे के दौरान मिली आकृति पर असमंजस है। उससे संबंधित आपत्ति का निपटारा अभी नहीं हुआ है। 17 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने भी आकृति मिलने वाली जगह को सुरक्षित और संरक्षित रखने के लिए कहा है। ऐसे में वहां खुदाई या कुछ भी अलग से करना उचित नहीं होगा।
बीती 11 अक्टूबर को दोनों पक्षों की बहस खत्म होने के बाद अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए सुनवाई की अगली डेट 14 अक्टूबर यानी आज तय की थी।