Gyanvapi Survey Video: ज्ञानवापी मामले में जिला कोर्ट का आदेश- 30 मई को सार्वजनिक होगा सर्वे का वीडियो

Gyanvapi Survey Video: ज्ञानवापी विवाद में हर दिन कुछ नया देखने-सुनने को मिल रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को मस्जिद कमेटी ने मांग की है कि, ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का वीडियो सार्वजनिक न किया जाए।

Written By :  aman
Update: 2022-05-27 12:18 GMT

Gyanvapi Case (फोटो: सोशल मीडिया ) 

Gyanvapi Survey Video: ज्ञानवापी विवाद में हर दिन कुछ नया देखने-सुनने को मिल रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को मस्जिद कमेटी ने मांग की है कि, ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का वीडियो सार्वजनिक न किया जाए। मस्जिद कमेटी ने इस पर घोर आपत्ति जाहिर की है। वहीं, ज्ञानवापी विवाद में कोर्ट ने 30 मई को वीडियो सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। जिला अदालत ज्ञानवापी के सर्वे का वीडियो दोनों पक्षों को भी सौंप सकती है। 

वाराणसी की जिला कोर्ट में 27 मई को ज्ञानवापी मामले पर सुनवाई हुई। सुनवाई में सवाल उठा कि, क्या सर्वे की रिपोर्ट और वीडियो को सार्वजनिक किया जाए? इस पर हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की राय भिन्न थी। ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने अदालत से अनुरोध किया कि, सर्वेक्षण की तस्वीरें और वीडियो सार्वजनिक नहीं होने दें। मगर, हिंदू पक्ष ने इसका विरोध किया। दोनों पक्षों को 30 मई को सर्वे और वीडियोग्राफी की रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

थाने पहुंचा विवाद 

वहीं, ज्ञानवापी मामले का विवाद अदालत के बाद आज थाने भी पहुंच गया। दरअसल, अदालत में वादी पक्ष की तरफ से पैरवी करने वाले जितेंद्र सिंह बिसेन ने मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के खिलाफ वाराणसी के चौक थाने में उपासना स्थल अधिनियम-1991 की धारा- 3 के उल्लंघन की शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने अधिनियम की धारा- 6 के तहत कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि, धारा-3 के अनुसार किसी भी ढांचे के मूल स्वरूप को दूसरे धार्मिक स्थल में परिवर्तन करना दंडनीय अपराध है।

शिकायती पत्र में क्या? 

श्रृंगार गौरी प्रकरण में वादी राखी सिंह के चाचा जितेंद्र सिंह बिसेन ने सात प्रमुख बिंदुओं के आलोक में शुक्रवार को एक शिकायती पत्र चौक थानाध्यक्ष के नाम रजिस्ट्री की। उन्होंने इसकी एक प्रति डीसीपी काशी को भी भेजी है। पत्र में उन्होंने उपासना स्थल अधिनियम-1991 की धारा-3 का हवाला देते हुए लिखा, मंदिर हटाने के लिए मुगल शासकों ने कोशिश की। बाद में बचे हिस्से पर पेंटिंग व चूना आदि कर मंदिर की पहचान मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।

अंजुमन इंतजामिया प्रबंधन पर हो कार्रवाई   

शिकायती पत्र में ये भी कहा गया है कि यह मस्जिद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद प्रबंधन में है। लिहाजा, इनके खिलाफ धारा- 6 के तहत कार्रवाई की जाए। इस संबंध में थानाध्यक्ष आशीष मिश्रा ने बताया, कि 'उन्हें अभी शिकायती पत्र नहीं मिला है। मिलने के बाद जांच की जाएगी। फिर आगे की कार्रवाई होगी।

Tags:    

Similar News