Hamirpur News: खसरा फैलने के बाद सक्रिय हुआ स्वास्थ्य विभाग, शुरू हुआ घर-घर सर्वे
Hamirpur: पुराना बेतवा घाट मोहल्ले में खसरे से प्रभावित बच्चों के मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया। इस दौरान टीम ने 40 घरों का सर्वे किया।
Hamirpur News: मुख्यालय के पुराना बेतवा घाट मोहल्ले में खसरे से प्रभावित बच्चों के मिलने के बाद सक्रिय हुई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार को प्रभावित इलाके का सर्वे किया। इस दौरान टीम ने 40 घरों का सर्वे किया। कोई नया केस नहीं मिला है। साथ ही लोगों को इस मौसम में बच्चों को लेकर सावधानी बरतने की हिदायत दी।
पुराना बेतवा घाट मोहल्ले में कई दिनों से खसरा फैला
घनी आबादी वाले पुराना बेतवा घाट मोहल्ले में कई दिनों से खसरा फैला हुआ था। इसकी चपेट में अब तक आधा दर्जन से अधिक बच्चे आ चुके हैं, जिनमें कुछ की हालत गंभीर थी। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रभावित इलाके का भ्रमण कर घर-घर जाकर संपर्क किया। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ.महेशचंद्रा ने बताया कि इस दौरान टीम ने जहां खसरे से प्रभावित बच्चे मिले हैं वहां के 40 घरों का सर्वे किया है। लेकिन कोई नया बच्चा खसरे से प्रभावित नहीं मिला है।
बच्चों को टीके लगाने की दी हिदायत
अभिभावकों को इस मौसम में बच्चों का खास ख्याल रखने और टीकाकरण से वंचित बच्चों को टीके लगाने की हिदायत दी गई है। सर्वे करने वाली टीम में एएनएम अंकना प्रजापति, एलएचवी विजय लक्ष्मी, आंगनबाड़ी कुंती, रुचि, आशा कार्यकर्ता अन्नपूर्णा शुक्ला मौजूद रही।
सर्दी के मौसम में अक्सर बच्चों में कई संक्रमण की आशंका: बाल रोग विशेषज्ञ
जिला महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.राजीव शाक्य ने बताया कि सर्दी के मौसम में अक्सर बच्चों में कई संक्रमण की आशंका बनी रहती है जो कि सामान्य बुखार, सर्दी-जुखाम से लेकर खसरा तक भी हो सकता है। खसरा बच्चों को ज्यादा प्रभावित करता है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी आसानी से फैल सकता है। इससे बचने का एकमात्र उपाय टीकाकरण है। ऐसे बच्चे जो नौ माह और डेढ़ साल के हो चुके हैं, उन्हें अवश्य से एमआर फर्स्ट और सेकेंड (मीजल्स रूबेला) का टीका लगवाना चाहिए। इससे 99 प्रतिशत बच्चे खसरे से प्रभावित होने से बच जाते हैं। लेकिन अभिभावक 6, 10 और 14 माह वाले टीके लगवाने के बाद अन्य टीके लगवाने में ढिलाई बरतते हैं, जो बच्चों की सेहत के लिए ठीक नहीं होती है।
खसरे के लक्षण
- सामान्य से तेज बुखार आना
- सूखी खांसी होना
- लगातार नाक बहना
- गले में खरास बने रहना
- आंखों में सूजन आना
- गाल की अंदरूनी परत पर मुंह के अंदर पाए जाने वाले लाल रंग की पृष्ठभूमि पर नीले-सफेद केंद्रों वाले छोटे सफेद धब्बे पड़ना।