हमीरपुर:अवैध खनन मामले में अखिलेश यादव तक पहुंची जांच की आंच

सीबीआई की टीम अवैध खनन के एक पुराने मामले में फिर से सक्रिय हो गई है और इस मामले में अब उसके हाथ पूर्व सीएम अखिलेश यादव तक जल्द ही पहुँचने वाले हैं।

Update: 2019-11-28 14:37 GMT
अखिलेश यादव की फ़ाइल फोटो

हमीरपुर: सीबीआई की टीम अवैध खनन के एक पुराने मामले में फिर से सक्रिय हो गई है और इस मामले में अब उसके हाथ पूर्व सीएम अखिलेश यादव तक जल्द ही पहुंचने वाले हैं।

सूत्रों की मानें तो सीबीआई को इस मामले में ठोस सबूत मिले हैं। जिनकी टीम हमीरपुर पहुंचकर कई दिनों से जांच कर रही है। फिलहाल सपा शासन काल मे हुए अवैध खनन के इस बड़े घोटाले में सीबीआई पहले ही कई बड़े विकेट गिरा चुकी है। अब पुनः के बड़े चेहरों के बेनकाब होने की बात सामने आ रही है।

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गौरतलब हो कि सपा शासन में हुए खनन घोटाले में सीबीआई लगातार एक्शन मोड में है। इस मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई टीम कल डीएम ऑफिस पहुंची और जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर त्रिपाठी और एडीएम विनय श्रीवास्तव से लंबी पूछताछ की। इस दौरान टीम ने वर्ष 2012 में हुए मौरंग के पट्टों की भी जानकारी ली। साथ ही उनके समय मे हुये पट्टो की फ़ाइल भी सीबीआई ने तलब की है।

इसी मामले के सीबीआई इसके अलावा पूर्व असलहा बाबू राजकुमार और सपा एमएलसी रमेश मिश्रा के मुनीम को भी सीबीआई ने कैम्प कार्यालय में तलब कर पूछताछ की।

सीबीआई ने प्रधान डाकघर से भी कुछ चिट्ठियों का ब्यौरा लिया।सीबीआई ने इस मामले में 78 लोगों को नोटिस भेजा है।सीबीआई की इस कार्रवाई से मौरंग व्यवसायियों में हड़कंप मचा हुआ है।

दरअसल, इस पूरे मामले में तत्कालीन डीएम जी श्रीनिवास लू भी सीबीआई की रडार पर हैं।उनके आवास पर भी सीबीआई छापेमारी कर सकती है।इससे पहले कई आईएएस के खिलाफ पहले ही एफआईआर हो चुकी है।

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सीबीआई करीब 88 पट्टों की जांच करेगी

उधर खनन घोटाले में ईडी भी जांच कर रही है। अब सीबीआई करीब 88 पट्टों की जांच करेगी। जिनमें 25 पट्टे भाजपा सरकार के वक्त के हैं।बाकी तत्कालीन सपा सरकार के वक्त के हैं।जिन पर एनजीटी ने रोक लगाई थी।

आपको सबसे खास बात बताते हैं जो कि जानना आपके लिए जरूरी है । इस अवैध खनन मामले में सीबीआई का एक्शन जारी है। पूर्व सीएम अखिलेश यादव तक आंच पहुंच गई है।

बता दें कि सपा शासनकाल में 900 करोड़ का अवैध खनन हुआ था। सीएम कार्यालय से स्वीकृत हुए थे 14 मौरंग पट्टे। सपा सरकार के शुरुआती दौर में 14 पट्टे बांटे गए थे।

उस वक्त अखिलेश के पास विभाग की कमान थी। अब देखना होगा कि सीबीआई आगे क्या रणनीति अपनाती है क्योंकि इस पूरे मामले में अभी भी कई बड़े चेहरे पहुंच से दूर है।

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