Hamirpur News: पद्म श्री डॉ. बी. के. एस. संजय को सेवाधाम आश्रम ने किया सम्मानित

Hamirpur News: इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि मैं राज्यपाल की हैसियत से नहीं परंतु सामान्य सेवक बनाकर गरीबों की सेवा करना चाहता हूँ। राज भवन आराम की नहीं बल्कि सेवा की जगह हो।

Report :  Ravindra Singh
Update:2023-11-27 18:22 IST

Hamirpur News: उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी में विख्यात ऑर्थोपीडिक सर्जन पद्म श्री डॉ. भूपेन्द्र कुमार सिंह संजय को जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए मध्य प्रदेश के माननीय राज्यपाल मंगू भाई पटेल की उपस्थिति में पगड़ी पहनाकर जन सेवा सम्मान से सम्मानित करने के साथ ही प्रशस्ति पत्र भी दिया गया। यह सम्मान

अंकितग्राम सेवा धाम आश्रम द्वारा प्रथम अंतर्राष्ट्रीय समाज सेवक सम्मेलन के अवसर पर दिया गया।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि मैं राज्यपाल की हैसियत से नहीं परंतु सामान्य सेवक बनाकर गरीबों की सेवा करना चाहता हूँ। राज भवन आराम की नहीं बल्कि सेवा की जगह हो। मैं इस सेवा की जगह से आम जनता की सेवा कर सकूं। इसी उद्देश्य के साथ में मध्यप्रदेश के राज्यपाल बनकर आया। सुधीर भाई के संचालन में सेवा धाम जो कार्य कर रहा है ऐसी समाज सेवा सबको करनी चाहिए।


कार्यक्रम के दौरान पद्मश्री डॉ. बी के. एस. संजय ने अपने संबोधन में कहा कि संविधान की प्रस्तावना में दिया गया बंधुत्व का विचार न केवल व्यक्ति की प्रतिष्ठा का संरक्षण करता है बल्कि उसको बढ़ाता भी है। जब सभी देशवासियों में बंधुत्व का विचार पनपेगा तो यह विचार राष्ट्र निर्माण में बहुत बड़ा उत्प्रेरक का काम करेगा। जब तक किसी भी देश में बंधुत्व का विचार नहीं आएगा । तब तक राष्ट्र निर्माण और राष्ट्रीय एकता दूर की कौड़ी ही होगी। हमारे शास्त्रों में तो ‘वसुधैव कुटुंबकम’और ‘परस्परोपग्रहो जीवानाम्’ का विचार हजारों साल पहले से दिया गया है। एक जुलु अफ्रीकन कहावत कहती है उबन्टून, गिबुन्टून, जाबन्टून अर्थात् एक आदमी दूसरे आदमी से है। यह एक सार्वभौमिक सत्य है, यदि इसको हम केवल मानव जाति के बारे में समझें तो एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के ऊपर आश्रित है। डॉ. संजय ने कहा कि यदि सेवा शब्द को यदि हम सहयोग से बदल दें या फिर सहयोग को ही सेवा मान लें तो सेवा और सहयोग हम सबके जीवन का आधार ही नहीं है क्योंकि पूरी सृष्टि का आधार है। हर छोटी चीज पहले सूक्ष्म होती है । महान तो यह प्रकृति एवं समाज बनाता है।


डॉ. संजय ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि हर व्यक्ति चाहे वह डॉक्टर हो या किसी भी तरह का कार्य करता हो वह भी अपने कार्यो से समाज की सेवा कर सकता है। उन्होंने डॉक्टरों से अनुरोध किया कि महीने के 30 दिनों में से किसी भी एक दिन समाज सेवा के लिए स्वास्थ परामर्श शिविर एवं जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया जाना चाहिए। जिससे न केवल मरीजों को और हम डॉक्टरों को लाभ मिलेगा बल्कि हमारे जनप्रतिनिधियों को भी भरपूर लाभ मिलेगा।ऐसे स्वास्थ शिविरों में आने वाले खर्चे को माननीय सांसद या विधायक निधि से वहन करना चाहिए। ऐसे स्वास्थ परामर्श शिविर में शायद इलाज तो पूरा न हो पाए । लेकिन बहुत सी बीमारियों की स्क्रीनिंग हो जाएगी । जैसे खून की कमी, ब्लडप्रेशर, वजन का बढ़ना, डिफारमिटीज, ऑक्सीजन की मात्रा का कम हो जाना, मोतियाबिंद की पहचान, टी.बी. आदि गंभीर बीमारियों की स्क्रीनिक हो सकती है। ऐसे कार्यक्रम एक प्लेटफॉर्म का काम करेंगे। हम सब समाज की उत्पत्ति हैं । हम सभी का यह कर्तव्य और दायित्व होना चाहिए कि हम समाज को अपने ढंग से कुछ न कुछ दें।

अन्त में उन्होंने एक बार फिर सेवा धाम आश्रम के संचालक सुधीर भाई और अध्यक्ष ऋषि भटनागर को उनके इस कार्य के लिए बधाई और उनके भावी कार्यो के लिए शुभकामनाएं दी। सेवाधाम आश्रम मानव सेवा कार्य के लिए एक अग्रणी संस्थान है जिसके लिए हिमालयन इन्स्ट्यूट द्वारा आश्रम के संचालक सुधीर भाई को हाल ही में स्वामी राम सम्मान से अलंकृत किया गया है।

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