Hapur News: दिल्ली घटना के बाद नींद से जागा एचपीडीए, मानक के विपरीत बेसमेंट चिन्हित करने को तीन टीमों का हुआ गठन
Hapur News: शासनादेश के अनुसार बेसमेन्ट का प्रयोग केवल पार्किंग में किया जा सकता है। लेकिन लोगों द्वारा बेसमेन्ट का उपयोग पार्किंग के स्थान पर अन्य कार्यों व्यावसायिक गतिविधियों में किया जा रहा है।
Hapur News: दिल्ली के ओल्ड राजेन्द्र नगर स्थित कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में जलभराव से हुई जनहानि होने के बाद हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण कुंभकर्ण की नींद से जाग गया है। शासन के निर्देश पर एचपीडीए उपाध्यक्ष के निर्देश पर अधिकारियों की तीन टीमों का गठन किया है। टीमों द्वारा बुधवार को अपने-अपने विकास क्षेत्र में बिना मानचित्र स्वीकृत व मानचित्र के विपरीत निर्मित बेसमेंट को चिन्हित करने से हडक़ंप मच गया है। शासन ने अवैध बेसमेंट के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये है।
इन जगहों पर की जाएगी कार्यवाही
आपको बता दें कि हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण क्षेत्र में अवैध व वैध रूप से निर्मित बेसमेटों का प्रयोग अब स्कूल, कालेज, नर्सिंग होम, शोरूम, बैंकट हॉल, विवाह स्थल, फैक्ट्रियों, वर्कशाप, सैलून की दुकान, पब्लिक लाइब्रेरी व कोचिंग सेंटरों में होने लगा है। जबकि शासनादेश के अनुसार बेसमेन्ट का प्रयोग केवल पार्किंग में किया जा सकता है। लेकिन लोगों द्वारा बेसमेन्ट का उपयोग पार्किंग के स्थान पर अन्य कार्यों व्यावसायिक गतिविधियों में किया जा रहा है।
तीन टीमों का हुआ गठन
हापुड़ विकास क्षेत्र में सहायक अभियंता प्रवीण गुप्ता,अवर अभियंता वीरेश राणा,महेश उप्रेती,जितेन्द्र नाथ दूबे,गढ़ विकास क्षेत्र सहायक अभियंता भवान सिंह बिष्ठ,अवर अभियंता देशपाल,पीयूष जैन,पिलखुवा विकास क्षेत्र सहाये अभियंता भवान सिंह बिष्ठ,अवर अभियंता सुभाष चंद चौबे व राकेश तोमर शामिल है।
प्राधिकरण का चलेगा यह अभियान
शहर में बड़ी संख्या में बहुमंजिला इमारतों और भवनों में स्वीकृत बेसमेंट में नियमों के विपरीत कामकाज किया जा रहा है, तो तमाम भवनों में रूप से बेसमेंट बना लिए गए हैं। छोटे-छोटे भवनों में बेसमेंट बनाकर कक्षाएं लगाई जा रही हैं। भवनों के बेसमेंट में मानकों की धज्जियां उड़ाकर कार्यालय, जिम, दुकानें और नर्सिंग होम तक संचालित हो रहे हैं। जिनको लेकर प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने चार्ज लेते ही अभियान चलाया जाएगा । इससे जिले में हडकंप मचा हुआ है । अब शासनादेश बाद प्राधिकरण ने कड़ा रुख अपना लिया है।