Hapur News: दीपावली आते ही बढ़ गई मिट्टी के दीये की मांग, कुम्हारों के काम में होगा इजाफा
Hapur News: दीपावली नजदीक आते ही मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार अपने हाथों की कला से बनाए हुए मिट्टी के बर्तन बेचने के लिए अच्छे दिन के इंतजार में रहते हैं।
Hapur News: दीपावली नजदीक आते ही मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार अपने हाथों की कला से बनाए हुए मिट्टी के बर्तन बेचने के लिए अच्छे दिन के इंतजार में रहते हैं। शासन की मंशा के अनुरूप कुम्हार कला को बढ़ावा देना तो पहले से ही शुरू कर दिया था। अब त्योहारों के सीजन में मिट्टी के दिए तथा विभिन्न तरह के बर्तनों की मांग एकाएक बढ़ गई है।
पुरानी परम्पराओं पर आ रहे नगर वासी
दीपावली की आहट के साथ ही नगर से गावों तक बर्तन बनाने के लिए चाक घूमने लगे हैं। वजह एकाएक मिट्टी के बर्तनों की डिमांड बढ़ना भी है। या फिर कहा जाए तो लोग पुरानी परम्पराओं की ओर लौट रहे हैं। एक जमाना था कि मिट्टी के बर्तनों का बहुत महत्व था। गांव ही नहीं शहर में भी मिट्टी के बर्तनों को बनाने के लिए कुम्हार ही नही उसका परिवार भी काम में लगा रहता था। आधुनिकता की चकाचौंध में धीरे-धीरे मिट्टी के बर्तनों का चलन कम होता चला गया और चाइनीज सामान का क्रेज बढ़ गया।
इन सामानों की अधिक डिमांड
पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा है कि मिट्टी के दीयों व कुल्हड़ समेत अन्य प्रकार के बर्तनों की डिमांड बढ़ने लगी है। सिर्फ दीपावली ही नहीं बल्कि करवाचौथ, धनतेरस, गोवर्धन पूजा,भैया दूज,जैसे त्योहारों पर भी मिट्टी के दीये और बर्तन उपयोग किए जाते है।
इस साल कार्य में हो सकती है बढ़ोतरी
कुम्हार कला में निपुण हापुड़ नगर के निवासी मीनाक्षी रोड रहने वाले सोमेन्द्र कुमार का कहना है कि उनकी तीसरी पीढ़ी इस कार्य में लगी है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने काफी परेशानिया झेलनी पड़ी। लेकिन,हाल की कुछ सालों में कार्य में बढ़ोत्तरी हुई है। वजह यह भी है कि एक बार फिर मिट्टी के दीयों, कुल्हड़, मटका, करवा आदि की मांग अधिक बढ़ी है।