Hapur News: मिनी हरिद्वार, ब्रजघाट में लगेंगे विकास के पंख, 600 करोड़ रुपये से 700 बीघा में बनेगा ईको पार्क
Hapur News: इस योजना को धरातल पर लाने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। करीब 700 बीघा भूमि में रिसोर्ट, विलेज टूरिज्म और ईको पार्क बनाने का रास्ता साफ होता दिख रहा है।
Hapur News: मिनी हरिद्वार कहे जाने वाले तीर्थ गंगा नगरी ब्रजघाट अब धार्मिक स्थान ही नहीं उद्योगों की पहचान भी बनेगा। उद्योगों और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ब्रजघाट में 600 करोड़ से रिसोर्ट, टूरिज्म विलेज और ईकी पार्क का निर्माण किया जाएगा। इस योजना को धरातल पर लाने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है।
व्यापारियों ने दिया था प्रस्ताव
जिला उद्योग केंद्र को इसके लिए करीब 600 करोड़ के प्रस्ताव मिले हैं। इनमें गाजियाबाद के उद्यमियों ने ब्रजघाट के पास उनकी 700 बीघा भूमि में रिसोर्ट, विलेज टूरिज्म और ईको पार्क बनाने का प्रस्ताव दिया था। हाल ही में पर्यटन विभाग के विशेषज्ञों द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित एक बैठक में उद्यमियों को गंगा किनारे निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया था। उन्होंने व्यापारियों व निवेशकों को बताया था कि प्रदेश सरकार को प्राथमिकता में गढ़मुक्तेश्वर शामिल है। ऐसे में पर्यटन स्थल और टूरिज्म के रूप में इसे विकसित करते हुए यहां वाइल्ड लाइफ, डाॅल्फिन वाॅच सेंटर, बोटिंग, धरामिग आयोजन के लिए स्थान, अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस घाट निर्माण का डिजाइन, गेस्ट हाउस, बोटल बनाए जाने का प्रस्ताव है। जिसके लिए जिला प्रशासन निवेशकों को अपनी तरफ से पूरी सुविधा मुहैया कराएगा।
स्थापित होंगे उद्योग, रिसोर्ट और टूरिज्म विलेज
इनमें 125 करोड़ का प्रस्ताव पसवाड़ा होटल एंड रिसोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, 100 करोड़ का प्रस्ताव एसएमसी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा, 10 करोड़ का प्रस्ताव राज योगा एंड रिसर्च सेंटर व 32 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव, अर्जुन सिंहल द्वारा रिसोर्ट एवं विलेज टूरिज्म क्षेत्र में दिया गया था। कुल मिलाकर करीब 700 बीघा भूमि में रिसोर्ट, विलेज टूरिज्म और ईको पार्क बनाने का रास्ता साफ होता दिख रहा है। उधर, सरकार की तरफ से भी उद्यमियों की मदद के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश दिए गए हैं, ताकि उद्योगों को विकसित करने में उद्यमियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। अधिकारी भी जानते हैं कि एनसीआर के नजदीक होने व जिले के चारों तरफ एक्सप्रेस-वे के निकलने से यहां उद्योगों को स्थापित करने में काफी आसानी होगी। अधिकारियों की माने तो इस दिशा में किए गए प्रयासों का सार्थक प्रभाव सामने आने लगा है। आने वाले चार पांच माह में यह पूरा प्रोजेक्ट धरातल पर होगा। इससे निश्चित रूप से गंगा क्षेत्र में विकास और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। जल्द ही इस दिशा में काम तेजी से होगा।
पर्यटन विभाग भी कर रहा है कार्य
निजी निवेशकों के साथ पर्यटन विभाग भी इस दिशा में कार्य कर रहा है। ब्रजघाट में जाम की समस्या को दूर करने, यहां के विकास कार्यों के लिए करोड़ों रुपये के कार्य शासन में प्रस्तावित हैं। इन सभी कार्यों के एक साथ निर्माण के बाद निश्चित रूप से गढ़ गंगा ब्रजघाट क्षेत्र में सूरत बदलेगी।
क्या बोले अधिकारी?
उपायुक्त उद्योग शैलेंद्र सिंह ने कहा कि ब्रजघाट क्षेत्र के लिए पूर्व में काफी संख्या में प्रस्ताव मिले थे। रिजोर्ट,विलेज, टूरिज्म और ईको पार्क के लिए अधिकतम बाधाएं दूर हो चुकी हैं। इस प्रोजेक्ट पर जल्द ही धरातल पर कार्य शुरू होंगे।