Hapur News: आषाढ़ अमावस्या पर श्रद्धालुओं नें लगाई आस्था की डुबकी, किया दान पुण्य

Hapur News: आषाढ़ अमावस्या पर्व पर श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य लाभ कमाया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बृजघाट में भोर की पहली किरण से शुरू किया स्नान।

Report :  Avnish Pal
Update: 2024-07-05 09:34 GMT
श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी (Pic: Social Media)

Hapur News: आषाढ़ अमावस्या का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पितरों की पूजा का विधान किया जाता है। पारंपरिक रूप से यह दिन पितरों का तर्पण, गंगा स्नान, दान और पुण्य के लिए बहुत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन नए कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए, जबकि धार्मिक अनुष्ठान के लिए यह तिथि बहुत विशेष होती है।आषाढ़ अमावस्या पर्व कों लेकर गढ़मुक्तेश्वर तीर्थनगरी के ब्रजघाट गंगा नदी के किनारे श्रद्धालुओं की सुरक्षा कों लेकर गंगा नदी में बेरीकेडिंग लगाई गई है। वहीं, नगर पालिका द्वारा गंगा प्लेटफार्म समेत विभिन्न मार्गो पर व्यवस्था भी दुरुस्त कराई गई है।

आषाढ़ अमावस्या पर्व पर पूजा के नियम

पंडित विनोद शास्त्री नें बताया कि, सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करने जाएं। जो जातक गंगा स्नान के लिए नहीं जा सकते हैं, वे घर पर स्नान के पानी में गंगा जल मिलाएं। अपने पूर्वजों की आत्मा के शांति के लिए उनका तर्पण करें। जरूरतमंदों को भोजन खिलाएं। पितरों की मुक्ति के लिए गायत्री पाठ का आयोजन करें। इस दिन कौवे, चींटियों, कुत्तों और गाय को भोजन खिलाना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। ब्राह्मणों को भोजन खिलाएं और उन्हें कपड़े और दक्षिणा दें। सूर्य देव को अर्घ्य दें। ज्यादा से ज्यादा धार्मिक कार्य करें। उन्होंने बताया इस तिथि पर स्नान - दान के साथ पितरों का तर्पण आपको सही विधि सें इस दिन करना चाहिए।

श्रद्धालुओं नें लगाई आस्था की डुबकी

आषाढ़ अमावस्या पर्व पर श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य लाभ कमाया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बृजघाट में भोर की पहली किरण से शुरू किया स्नान। जो दोपहर तक चलता रहा। गंगा स्नान के बाद गंगा तट पर मंदिरों में पूजा अर्चना की और दान दक्षिणा देकर परिवार सुख समृद्धि कामना की। इस अवसर पर प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। शुक्रवार को सुबह से ही आषाढ़ अमावस्या पर्व मनाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा घाट पर पहुंचने शुरू हो गए। श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ कमाया। इस दौरान घाट पर हर हर गंगे की गूंज से वातावरण भक्ति में हो गया। भीड़ और जाम से बचने के लिए श्रद्धालुओं का सुबह 4 बजे से ही घाटों पर आना शुरू हो गया था।

गंगा घाट पर हर हर गंगे की गूंज

शुक्रवार को सुबह से ही आषाढ़ अमावस्या पर्व मनाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा घाट पर पहुंचने शुरू हो गए। श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ कमाया। बृजघाट तीर्थनगरी पर धीरे-धीरे श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। इस दौरान घाट पर हर हर गंगे की गूंज से वातावरण भक्ति में हो गया। भीड़ और जाम से बचने के लिए श्रद्धालुओं का सुबह 4 बजे से ही घाटों पर आना शुरू हो गया था।

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