Hapur News: बारिश से बर्बाद हुई आठ सौ एकड़ सब्जी की फसल
Hapur News: जिले में करीब 20 हजार एकड़ धान की फसल पककर तैयार खड़ी है। लगातार वर्षा होने से उसको काटने तक का समय नहीं मिला है। वहीं तेज हवा में फसल गिर गई है।
Hapur News: वर्षा से एक ओर जहां गन्ने के किसानों व बागबानों को लाभ हुआ है। वहीं सब्जी की खेती करने वाले किसानों को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा है। सबसे ज्यादा नुकसान गोभी, मिर्च व शाक वाली फसलों में हुआ है। बंद गोभी की दो दिन पहले बोई गई फसल जहां तीन दिन की वर्षा में नष्ट हो गई, वहीं दो सप्ताह पहले तक की गोभी की पौध तेज धूप में झुलसने की आशंका बनी हुई है। खेतों में पानी भर जाने के बाद एका एक तेज धूप से पौधे जल जाते हैं। ऐसे में जिले में करीब आठ सौ एकड़ सब्जी व धान की फसल बर्बाद हो गई है। फसलों में हुए नुकसान के आंकलन के लिए कृषि विभाग व प्रशासन ने सर्वे टीम गठित करने का निर्णय लिया है। सर्वे के बाद ही वास्तविक नुकसान का अनुमान लगाया जा सकेगा।
खेती को प्रकृति के साथ जुआ कहा जाता है। इसका अहसास धान व सब्जी के किसानों को बाखूबी हो रहा है। लगातार हो रही वर्षा धान व सब्जी की फसलों के लिए नुकसान देह साबित हुई है। स्थिति यह है कि फसलों में भारी नुकसान हुआ है। जिससे किसानों को लाखों रुपये की क्षति का सामना करना पड़ रहा है। सब्जी की फसलों के बर्बाद हो जाने पर अब किसानों को दोबारा से बोवाई करनी होती। इससे एक ओर जहां दोबारा से बीज और लेबर का खर्च वहन करना होगा, वहीं फसल के लेट हो जाने से बाजार भाव भी कम मिलेगा।
बीस साल में पहली बार हुई ऐसी वर्षा
जिले के लोगों के अनुसार इस प्रकार लगातार वर्षा करीब 20 साल बाद हुई है। पहले तीन दिन तक लगातार वर्षा होते रहने से सूर्य के दर्शन तक नहीं हुए। वहीं अब लगातार 42 घंटे से वर्षा हो रही है। ऐसा माैसम 2003 में हुआ था। मौसम विशेषज्ञों का पूर्वानुमान सही साबित हुआ है। लगातार वर्षा होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बुधवार को दिनरात लगातार वर्षा होती रही। इससे सब्जी की नई बोई गई और धान की पककर खड़ी व काट दी गई फसलों में भारी नुकसान हुआ है।
काला पड़ गया है धान का दाना
जिले में करीब 20 हजार एकड़ धान की फसल पककर तैयार खड़ी है। लगातार वर्षा होने से उसको काटने तक का समय नहीं मिला है। वहीं तेज हवा में फसल गिर गई है। इसके साथ ही करीब तीन हजार एकड़ धान की फसल कटी हुई खेतों में पड़ी है।किसानों को इसको उठाने तक का समय नहीं मिला है। खेत में नीचे मिट्टी के गीले होने और ऊपर से लगातार वर्षा होने से धान का दाना काला पड़ गया है। इस काले धान का बाजार मूल्य 30 से 40 प्रतिशत तक कम मिलता है। ऐसे में धान के किसानों को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा है।
गोभी के किसानों को भारी नुकसान
जिले में गोभी की फसल सीधे बीज के माध्यम से रोपाई करके की जाती है। जिले में करीब 200 एकड़ बंदगाेभी की बिजाई पिछले दिनों ही की गई थी। इसमें 33 से 35 हजार रुपये किलो का बीच लगाया गया था। यह बीज अभी जमकर तैयार भी नहीं था, उससे पहले ही वर्षा आरंभ हो गई। वर्षा के तब तीन दिन और अब दो दिन लगातार होते रहते से बीज को अंकुरित होने का अवसर नहीं मिला। इससे बंदगोभी की करीब 200 एकड़ फसल बर्बाद हो गई। वहीं करीब 300 एकड़ खेतों में बंदगोभी अंकुरित हो गई थी, लेकिन नालियों में पानी भर जाने से वह मिट्टी में दब गए हैं। इससे पौध खराब हो जाएगी। वहीं वर्षा के बाद तेज धूप निकलने का खतरा बढ़ रहा है। तेज धूप निकलने से दो सप्ताह तक की पौध के झुलसने की आशंका विशेषज्ञों ने जताई है।
सब्जी की फसलों में भी भारी नुकसान
लगातार वर्षा होने से सब्जी की फसलों में भारी नुकसान हुआ है। लौकी, तोरई, भिंडी, बैंगन और टमाटर-मिर्च का फूल गल गया है। वहीं शलजम, पालक, सरसों, लाही और मूली जैसी शाक वाली फसलों में भारी नुकसान है। एक सप्ताह की इस वर्षा से गन्ना किसानों को जरूर लाभ हुआ है, लेकिन साथ ही चारे की फसल भी गिर गई हैं। जिससे किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ेगा।
किसानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी
जिला कृषि अधिकारी डा. मनोज कुमार नें बताया कि,अभी वर्षा हो रही है। वर्षा से फसलों को भारी नुकसान होने की जानकारी मिल रही है। सबसे ज्यादा नुकसान सब्जी व धान की फसलों में हुआ है। अब वर्षा बंद हो जाने के बाद फसलों में हुए नुकसान का सर्वे कराया जाएगा। सर्वे के बाद किसानों को हुए नुकसान की जानकारी मिल सकेगी। उसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।