Hapur News: शहर में बिना फायर एनओसी और अग्निशमन सुरक्षा के चल रही हैं फैक्ट्रियां
Hapur News: जनपद हापुड़ में छोटी-बड़ी 2500 से अधिक फैक्ट्री संचालित हो रही हैं। जबकि अग्निशमन विभाग की तरफ से करीब 695 फैक्ट्रीयों को ही फायर एनओसी जारी की गई है।
Hapur News: हापुड़ जनपद में संचालित छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां बिना फायर एनओसी संचालित हो रही हैं। अग्नि सुरक्षा मानकों से खिलवाड़ कर रही फैक्ट्रियों में सुरक्षा का खतरा बना हुआ है। लेकिन अग्निशमन विभाग से लेकर प्राधिकरण व प्रशासन इनके खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। जनपद में जब भी किसी फैक्ट्री में आगजनी या कोई बड़ा हादसा होता है तो अग्निशमन विभाग फायर एनओसी नहीं होने की बात कह अपने को किनारे कर लेता है। वहीं हादसे के बाद सभी संबंधित विभाग की तरफ से कार्रवाई होती है, लेकिन समय रहते इनके खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई नहीं हो रही है।
2500 के करीब हैं जनपद में संचालित फैक्ट्री
आपको बता दे कि, जनपद हापुड़ में छोटी-बड़ी 2500 से अधिक फैक्ट्री संचालित हो रही हैं। जबकि अग्निशमन विभाग की तरफ से करीब 695 फैक्ट्रीयों को ही फायर एनओसी जारी की गई है। अग्निशमन विभाग का कहना है कि फैक्ट्रियों में एनओसी की जांच को लेकर समय-समय पर अभियान चलाया जाता है, बिना एनओसी या अग्निशमन सुरक्षा मानकों से खिलवाड़ करने वाली इकाइयों को नोटिस भी जारी होता है।
फैक्ट्रियों के पास अस्थाई अनुमति
किसी भी प्रतिष्ठान को संचालित करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिला प्रशासन के अधिकारीयों से अनुमति लेनी पड़ती हैं। इसके लिए कई विभागों के पास मोटा धन और राजस्व पहुंचाया जाता हैं। प्रत्येक प्रतिष्ठान को आग से बचाव के तमाम उपकरण के साथ-साथ इस विभाग क़ी सबसे महत्वपूर्ण अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलता हैं। जनपद क़ी अगर बात करें करीब 2500 छोटी-बड़ी फैक्ट्री यहां संचालित हैं। इनमें से करीब 1500 फैक्ट्रियां धौलाना औद्योगिक क्षेत्र में हैं।
गौर करने वाली बात यह है कि इन उद्योगों में से सिर्फ 695 फैक्ट्रियों ऐसी हैं। जिनके पास फायर की एनओसी हैं। दमकल विभाग की जिम्मेदारी होती है कि समय -समय पर वह उद्योगो का निरीक्षण कर आग से बचाव के उपकरणो की जाँच करें। जनपद का दमकल विभाग पूरी तरह से इन मामलो में लापरवाह बना हुआ हैं। जिसका परिणाम यह हैं कि जगह -जगह आग और बारूद के ढेर पर लोगों का जीवन हर समय जिंदगी और मौत के बीच झूलता रहता है। औद्योगिक क्षेत्र से जनपद प्रशासन को मोटा राजस्व प्राप्त होता है। अनापत्ति प्रमाण पत्र की बात हो तो यहां पर 180 उद्योगो ने अस्थाई अनुमति ले रखी है जो कि गलत है।