Hapur News: गंगा स्नान मेले से किसानों को नुकसान, कोल्हू पर डालना होगा गन्ना

Hapur News: जनपद हापुड़ की तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर के गंगा खादर क्षेत्र में लगने वाले कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले में करीब 20 लाख श्रद्धालुओं का आगमन होता है।इस मेले में सात दिन पूर्व से श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो जाता है

Report :  Avnish Pal
Update:2024-10-16 15:33 IST

Hapur News (Pic-  Newstrack)

Hapur News:- यूपी के जनपद हापुड़ की तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर के गंगा खादर क्षेत्र में लगने वाले कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले में करीब 20 लाख श्रद्धालुओं का आगमन होता है।इस मेले में सात दिन पूर्व से श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो जाता है तथा वह गंगा की रेती में ही अपना आशियाना बनाकर पूजा पाठ एवं गंगा स्नान करते है।इस वर्ष यह गंगा स्नान 15 नवंबर को आयोजित होने जा रहा है।

ख़डी फ़सल को हटाने सें होगा नुकसान

गंगा मेला स्थल क्षेत्र में करीब 100 हेक्टेयर में गन्ने की फसल खड़ी हुई है।सिंभावली चीनी मिल का पेराई सत्र नवंबर के प्रथम सप्ताह में शुरू होने की उम्मीद है।वहीं मेला स्थल पर श्रद्धालुओं का आगमन सात नवंबर के आसपास से शुरू हो जाएगा।इससे पूर्व यहां दुकानदारों एवं झूले वालों का कार्य शुरू हो जाता है।चीनी मिल का पेराई सत्र नवंबर के प्रथम सप्ताह में शुरू होने के कारण मेला स्थल से तीन दिनों के अंदर 100 हेक्टेयर गन्ने की फसल को हटाना चुनौती पूर्ण होगा।ऐसे में परेशान किसानों के सामने अपने गन्ने को सस्ते दामों पर कोल्हुओं पर डालने का विकल्प होगा।इससे उनको भारी नुकसान होने की संभावना है। इस बीच कुछ किसानों ने तो अपने गन्ने को कोल्हुओं पर डालना भी शुरू कर दिया है।

किसानों को एक करोड़ का नुकसान

चीनी मिलों पर जाने वाले गन्ने का सरकारी दाम 370 रुपये प्रति क्विंटल है।वहीं कोल्हुओं पर गन्ने का अधिकतम दाम 280 रुपये प्रति क्विंटल तक चल रहा है।ऐसे में किसान को प्रति क्विंटल 90 रुपये तक का नुकसान हो रहा है। इस तरह प्रति बीघा एक किसान को करीब 5700 रुपये का नुकसान होने की पूर्ण संभावना है। एक हेक्टेयर गन्ने में किसानों को करीब 90 हजार रुपये से अधिक का नुकसान हो जाएगा। यदि इस रकम को पूरे मेला स्थल की फसल से जोड़े तो यह करीब एक करोड़ रुपये के पास होती है।

क्या बोले जिम्मेदार अधिकारी

इस सबंध में एडीएम संदीप कुमार का कहना हैं कि मेले को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। मिल का संचालन सही समय पर हो, इसके लिए शासन स्तर सें प्रयास किया जा रहा है।

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