Hapur News: अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के चार शातिर गिरफ्तार, 24 बाइक और 6 जोड़ी फर्जी नंबर प्लेट बरामद

Hapur News: जिले के देहात थाना पुलिस ने बुधवार को गांव धनोरा-दोयमी रोड के पास से अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के चार शातिर सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

Report :  Avnish Pal
Update: 2023-11-22 13:08 GMT

हापुड़ में अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के चार शातिर गिरफ्तार (न्यूजट्रैक)

Hapur News: जिले के देहात थाना पुलिस ने बुधवार को गांव धनोरा-दोयमी रोड के पास से अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के चार शातिर सदस्यों को गिरफ्तार किया है। वहीं पुलिस ने आरोपियों से चोरी की 24 मोटरसाइकिल, छह जोड़ी फर्जी नंबर प्लेट बरामद की है। आरोपी दिल्ली- एनसीआर समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों से वाहन चोरी करते थे। गिरोह से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।

घेराबंदी करके चार आरोपियों को दबोचा

वही सीओ स्तुति सिंह ने बताया कि बुधवार की सुबह थाना देहात प्रभारी सुमित तोमर और उनकी टीम में उपनिरीक्षक टीम के साथ गश्त कर रहे थे। इस दौरान मुखबिर ने सूचना दी कि अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के सदस्य बाईक पर सवार होकर गांव धनोरा व दोयमी की तरफ आ रहे हैं। सूचना पर पुलिस टीम ने गांव के निकट संदिग्ध लोगों और वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी। इसी बीच पुलिस को संदिग्ध बाईक सवार आते दिखाई दिए। रुकने का इशारा किया तो आरोपियों ने फरार होने का प्रयास किया, लेकिन, घेराबंदी करते हुए पुलिस ने चारों आरोपियों को दबोच लिया। आरोपी जनपद मेरठ के थाना ब्राह्मपुरी के मोहल्ला शक्ति नगर व जनपद हाथरस के पवन, प्रिन्स, पुष्पेंद्र के रहने वाले है। आरोपी कपिल के खिलाफ मेरठ जनपद में चार आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

विभिन्न जिलों से चोरी करते थे वाहन

पूछताछ में आरोपियों से गिरोह से जुड़े कुछ अन्य सदस्यों के नाम भी प्रकाश में आए हैं। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस जाल बिछा रही है। गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि गिरोह के सदस्य विभिन्न राज्यों के जनपदों से बाईक चोरी करते थे।सुनसान जगह पर खड़े वाहनों को रात के वक्त वह रेकी कर चोरी कर निशाना बनाते थे।

फर्जी नंबर प्लेट लगाकर बेचते थे सस्ते दामों में वाहन

आरोपियों ने बताया कि चोरी के वाहनों के लिए फर्जी नंबर प्लेट तैयार की जाती थी। इसके बाद इन्हें भोले-भाले लोगों को बिक्री कर देते थे। वाहनों को कबाड़ी के पास बिक्री के लिए ले जाया जाता था। वाहनों को बेचने से मिली रकम को आपस में बराबर बांट लिया जाता था। उधर, कबाड़ी चोरी की वाहन अच्छी रकम देकर खरीदते हैं। कबाड़ी इन वाहनों का कटान कर पार्ट विभिन्न दुकानों में सप्लाई करते हैं। ऐसा कर वह एक बाइक पर तीन गुना मुनाफा कमा लेते थे।

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