Hapur News: आईपील का आगाज होगा 22 मार्च से, सक्रिय हुए सट्टेबाज

Hapur News: टेलीग्राम पर सट्टेबाजी की आड़ में साइबर अपराधियों ने चैनल बना लिया हैं। थोड़ी सी लापरवाही से आपका पैसा व प्राइवैसी दोनों शातिर के पास चले जाएंगे।;

By :  Avnish Pal
Update:2025-03-21 20:09 IST

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Hapur News: आईपीएल 2025 कल शुरू होने वाली हैं। इसको लेकर जनपद हापुड़ समेत पुरे देश में सट्टेबाज गिरोह सक्रिय हो गए हैं। साइबर जलसाजो ने भी लोंगो को ठगने के लिए जाल बिछा दिया हैं। ठग लोंगो को आईपीएल मैचो पर सट्टा लगवा कर पहले जीत दिला कर अपने जाल में फसाते हैं। फिर ज़ब आपको जीत व पैसों का चस्का लग जाता हैं।तो फिर इनका असली खेल शुरू होता हैं। जलसाज न सिर्फ आपकी पूंजी लुटते हैं, बल्कि जीत की ख्वाहिश में सूदखोरो के चंगुल में भी फसा देते हैं। हारने के बाद सूद पर पैसा देकर टारगेट शख्स को इतना कर्ज में डूबा देते हैं। कि वह संपत्ति तक दाव पर लगा देते हैं। टेलीग्राम पर सट्टेबाजी की आड़ में साइबर अपराधियों ने चैनल बना लिया हैं। थोड़ी सी लापरवाही से आपका पैसा व प्राइवैसी दोनों शातिर के पास चले जाएंगे।

इस तरह होता हैं सट्टे का कारोबार

यह सब काम ऑनलाइन और प्रतिदिन होता हैं। जिसका हिसाब ऑनलाइन ही रहता हैं। टेलीग्राम पर लिंक के जरिये कई सारी आईडी ओपेन हो जाती हैं। जिनमे क्रिकेट ही नही, बल्कि अन्य कई सारे गेम होते हैं, जिन पर सट्टा लगता हैं। सट्टेबाजी के दलदल में फसें एक युवक ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि, वैसे तो सालों पर सट्टेबाजी चलती हैं। बिग बैश समेत दुनियाभर में जितनी भी प्रीमियर लीग हो रही हैं। उनमे सट्टा लगता हैं लेकिन, आईपीएल में सट्टेबाजो की सख्या और आईडी बुकिंग सौ गुनी अधिक हो जाती हैं। ऑनलाइन आईपीएल, 20-20, तीन पत्ती, आइसी, आईपीएल सट्टे के अवैध कारोबार का जनपद हापुड़ में भी बोलबाला हैं. यहां लगभग बड़े और छोटे मिलाकर 300 बुकी काम करते हैं।

इनमे से कुछ बुकी तो केवल आईपीएल स्पेशल कहलाते हैं। क्योंकि वह सिर्फ आईपीएल के दौरान ही सक्रिय रहते हैं.एक समय में सट्टे के अवैध कारोबार में जनपद के बुगियो की कलेक्टर गंज, गोल मार्किट, सहित विभिन्न होटल में तुती बोला करती थी। लेकिन लगातार पुलिस कार्यवाही के चलते अब यह लोग आसपास के जनपदों में किराये पर रूम लेकर या होटलों में सक्रिय हो जाते हैं। सूत्रों की बात करें तो कई बुकियो ने अपने एप बनवा लिए हैं। जहाँ मैंच पर पैसे लगाए जाते हैं।

आई पीएल सीजन के दौरान सट्टेबाजी के मामलों में हमेशा वृद्धि देखी जाती हैं। इस बार तकनीकी विकास के साथ यह और भी बढ़ चुका हैं। अब सट्टेबाज पुराने तरीके से सट्टा नही लगाते, बल्कि स्मार्टफोन और इंटरनेट के जरिये इसे ऑनलाइन संचालित किया जाता हैं। इस बार सट्टेबाजी में नए एप्स और तकनीकी का उपयोग सबसे ज्यादा होगा। इसे रोकना और भी चुनौती पूर्ण हो गया हैं। अब सट्टेबाजी की गतिविधियों व्हाट्सएप, फेसबुक, मैसेंजर और टेलीग्राम जैसे एप्स के माध्यम से संचालित हो रही हैं। इन पर पुलिस के लिए अंकुश लगाना और भी मुश्किल हो गया हैं. सूत्रों के अनुसार आईपीएल 2025 शुरू होने से पहले पुलिस विभाग ने सट्टेबाजो पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी हैं।

आईडी खुलते ही एंजेट को मिल जाता हैं, 20 प्रतिशत

सट्टेबाजी के इस गिरोह में एक बडा सिंडिकेटशामिल हैं, जों इस पुरे खेल की मॉनिटरिंग करता हैं। और सट्टेबाजी का पैसा वसूलता हैं। गिरोह के सदस्यों को 20 प्रतिशत तक मुनाफा हर दिन होता हैं। सट्टा लगाने वाले शख्स को लाईन कहा जाता हैं। जों एंजेट यानि पंटर के जरिये बुकी( डिब्बे ) तक बात करता हैं। एंजेट को एंडवास देकर अकाउंट खुलवाना पड़ता हैं। सूत्रों के अनुसार यह अकाउंट एक हजार से लेकर एक लाख रूपये तक का खुल रहा हैं। जैसे ही कोई नया आदमी अपनी आईडी बनवाता हैं, तो जितने रूपये की आईडी बनायीं जाती हैं। उसका 20 प्रतिशत तुरंत एजेंट को मिल जाता हैं।वही ऑनलाइन सट्टे बाजी में कई सदस्य भी बाजार में काम करते हैं। जों नया आईडी बनवाने और फिर सट्टा जीतने और हारने वाले सदस्यों से रूपये की वसूली करते हैं। कम राशि सीधे ऑनलाइन एप के जरिये पेमेंट कर दी जाती हैं लेकिन बड़ी रकम को एजेंट के जरिये भेजी जाती हैं।

टॉस,रन, विकेट, बाउंड्री और स्कोर पर अलग अलग सट्टा

सट्टेबाजी के इस दलदल में फसें एक युवक ने बताया कि सट्टेबाजी की आईडी में टॉस, रन, विकेट, बाउंड्री और स्कोर पर अलग-अलग सट्टा लगता हैं। महज कुछ ही सेकंड में आईडी लेकर सट्टेबाजी कर रहें सैकड़ो लोग लाखों रूपये गवा देते हैं यही नही, कौन सा खिलाडी कितना रन बनाएगा, कौन शतक, अर्ध शतक मारेगा, इस पर भी लाखों रूपये का सट्टा लगता हैं।

क्या बोले एसपी

इस सबंध में एसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि क्रिकेट सट्टेबाजो पर पुलिस द्वारा पूरी तरह से निगाह बनाई गई हैं। सट्टे की इस अवैध कारोबार को जनपद में नही होने दिया जाएगा। जनपदीय एसओजी,सर्विसलांस, साइबर टीम को धरपकड़ के लिए लगाया गया हैं।कुछ संदिग्ध नबरों को सर्विसलांस पर लगाया हैं।कोई भी सट्टेबाजी में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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