Hapur News: बेटी की हत्या करने वाली मां व प्रेमी को, कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
Hapur News: मां व तहेरे भाई को जिला न्यायाधीश मलखान सिंह ने दोषी करार दिया है। दोनों दोषियों को सश्रम आजावीन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने दोषियों पर कुल 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाकर दंडित किया है।
Hapur News :- उत्तर प्रदेश के जनपद के थाना बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव जखैड़ा में 31 मार्च 2024 को छह वर्षीय पुत्री की हत्या करने वाली मां व तहेरे भाई को जिला न्यायाधीश मलखान सिंह ने दोषी करार दिया है। दोनों दोषियों को सश्रम आजावीन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने दोषियों पर कुल 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाकर दंडित किया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता नें दी जानकारी
प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) नरेश चंद शर्मा ने बताया कि 31 मार्च 2024 को बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव जखैड़ा के राजीव तोमर ने थाने में तहरीर दी थी। जिसमें पीड़ित ने बताया था कि 31 मार्च 2024 को उसकी छह वर्षीय पुत्री काव्या गांव में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र के सामने खेल रही थी। जिसके बाद वह लापता हो गई। पीड़ित की पत्नी सुलेखा ने पुत्री की काफी तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग सका। तलाश के दौरान गांव के बिजेंद्र के खंडहर हुए मकान के कमरे में काव्या मृत अवस्था में पड़ी मिली थी। काव्या के गले, चेहरे व सिर पर गंभीर चोट के निशान थे। परिजनों ने काव्या की हत्या किए जाने की आशंका जताई थी। जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी थी। दो अप्रैल 2024 को राजीव ने दोबारा थाने में तहरीर दी।
जिसमें बताया कि 31 मार्च 2024 को उसकी पुत्री काव्या माता सुलेखा को अपने तहेरे भाई अंकित को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। काव्या ने यह जानकारी पीड़ित को देने की बात माता से कही थी।इस पर सुलेखा ने अंकित के साथ मिलकर काव्या की घर की रसोई में हत्या कर दी थी। उसके शव को बिजेंद्र के खंडर मकान में छिपा दिया था। पुलिस ने मामले में सुलेखा व अंकित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मामले में जांच के बाद विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी। मुकदमे की सुनवाई जिला न्यायाधीश मलखान सिंह के न्यायालय में चल रही थी। शनिवार को सुनवाई निर्णायक मोड में पहुंची। जिसके बाद न्यायाधीश ने दोनों आरोपितों को दोषी करार देकर सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर दोनों दोषियों को एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतेगा। अर्थदंड धनराशि में से राशि 20 हजार रुपये राज्य सरकार को तथा शेष धनराशि मृतका काव्या के पिता को प्रतिकर के रूप में देय होगी।