Hardoi News: आखिर क्यों पशु चिकित्सा विभाग ने घोड़ों को मारने के दिये आदेश, ग्लैडर संक्रमण से हैं ग्रसित
Hardoi News: Hardoi News: जनपद में दो और घोड़े ग्लैंडर संक्रमित पाए गए हैं। हरियाणा के हिसार के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र ने सैंपल की जांच रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की है।
Hardoi News: जनपद में दो और घोड़े ग्लैंडर संक्रमित पाए गए हैं। हरियाणा के हिसार के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र ने सैंपल की जांच रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की है। संक्रमण से ग्रसित दोनों घोड़े हरपालपुर क्षेत्र के हैं। पशु चिकित्साधिकारी को घोड़ों को मरवा देने का आदेश दिया गया है। हरदोई में अब तक छह घोड़ों में ग्लैंडर की पुष्टि हो चुकी है। इनमें चार को विभाग दफना चुका है। पशुपालन विभाग बुग्गी, ईंट- भट्ठा आदि पर काम करने वाले घोड़ों के नियमित सैंपल ले रहा है।
जांच के लिए हिसार जाता है सैंपल
सैंपल को जांच के लिए राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार को भेजे जाते हैं। नवंबर में भेजे गए 17 सैंपल में से दो घोड़े ग्लैंडर संक्रमित मिले। इससे पहले अप्रैल में बेहंदर में दो घोड़े और सितंबर में बिलग्राम में दो घोड़े ग्लैंडर पीड़ित मिते थे। प्रभारी सीवीओ डॉ.आरपी शर्मा ने हरपालपुर के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. संतोष वर्मा को इन घोड़ों को मरवाकर दफन कराने के आदेश दिए हैं। डॉ. आरपी शर्मा ने बताया कि शासन की ओर से मालिक को एक घोड़े के 25 हजार रुपये मदद के रूप में दिए जाते हैं। ग्लैंडर से संक्रमित घोड़े के पशुपालक की भी जांच कराई जाती है, ताकि इसे फैलने से रोका जा सके।
क्या है गलैंडर्स वायरस
ग्लैंडर्स वायरस जनित बीमारी है। इसमें घोड़े की नाक से तेज पानी बहने लगता है। शरीर पर फफोले पड़ जाते हैं। सांस लेने में दिक्कत होती है। बुखार आता है।पशु चिकित्सा विभाग के मुताबिक़ लगातार घोड़ों की जाँच कर सैंपल को लेब्रॉरेटरी भेजा जा रहा है। जाँच में जो भी घोड़ा संक्रमित आया जाता है उसको मारकर दफ़नाने का कार्य पशु विभाग द्वारा किया जा रहा है। फ़िलहाल घोड़ों के सैंपल लेने में तेज़ी लाने के निर्देश जारी किए है। घोड़ों में पाये जाने वाले इस संक्रमण से इंसानों को भी ख़तरा है यह संक्रमण इंसानों को भी अपनी चपेट में ले सकता है इस लिए घोड़ा पालकों को घोड़ों के पास जाते समय विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिये गये हैं।