Hardoi News: नहीं लगा पाए सौ फीट ऊँचा तिरंगा, मंडल अधिकारियों ने नियमानुसार कार्यवाही की बात कह झाड़ा पल्ला

Hardoi News: हरदोई रेलवे स्टेशन पर कई महीनों से तिरंगा झंडा गायब है, हालांकि जिम्मेदार इस बात को मानने को राजी नहीं है। जिम्मेदारों का कहना है कि 15 अगस्त के बाद झंडा उतारा गया, जो कि आंधी पानी के चलते फट गया था, लेकिन उसके बाद जिम्मेदारों ने दोबारा तिरंगा झंडा लगाने की जहमत नहीं उठाई।

Report :  Pulkit Sharma
Update:2024-09-23 17:59 IST

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Hardoi News: हरदोई रेलवे स्टेशन के उच्च अधिकारियों की संवेदनहीनता और लापरवाही का मंडल के अधिकारी संज्ञान नहीं ले रहे हैं। हरदोई रेलवे स्टेशन पर 100 फीट ऊंचा तिरंगा झंडा बीते कई महीनों से गायब है। आलम यह है कि डीआरएम मुरादाबाद राजकुमार सिंह ने हरदोई रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया, लेकिन हरदोई रेलवे स्टेशन पर लगे 100 फीट ऊँचे तिरंगे झंडे पर नजर डालना मुनासिफ नहीं समझा। हरदोई रेलवे स्टेशन के अधिकारियों से लेकर मंडल के उच्च अधिकारियों की लापरवाही और संवेदनहीनता के चलते स्थानीय अधिकारी जमकर अपनी जिम्मेदारियां में लापरवाही कर रहे हैं। 19 सितंबर को सोशल मीडिया के माध्यम से हरदोई रेलवे स्टेशन पर लगे 100 फीट ऊंचे झंडे की शिकायत मंडल के अधिकारियों से की गई थी लेकिन 23 सितंबर की शाम तक स्टेशन के अधिकारी एक तिरंगा झंडा स्टेशन पर नहीं लगा सके।

हरदोई रेलवे स्टेशन पर कई महीनों से तिरंगा झंडा गायब है, हालांकि जिम्मेदार इस बात को मानने को राजी नहीं है। जिम्मेदारों का कहना है कि 15 अगस्त के बाद झंडा उतारा गया, जो कि आंधी पानी के चलते फट गया था, लेकिन उसके बाद जिम्मेदारों ने दोबारा तिरंगा झंडा लगाने की जहमत नहीं उठाई। यह हाल तब है जब भारतीय रेलवे स्टेशन पर होने वाले समस्त कार्यों का खर्च स्टेशन के अधिकारियों को देती हैं। रेलवे स्टेशन पर केवल ध्वज का पोल लगा हुआ है जबकि तिरंगा झंडा महीनो से गायब है। हरदोई के रेल अधिकारी कितने जागरूक हैं, कितने कार्य में निपुण है, इसकी बांदगी जिम्मेदारों की लापरवाही से प्रतीत होती है, जो अधिकारी तिरंगा झंडा का सम्मान नहीं कर पा रहा, वह स्टेशन के विकास में क्या योगदान दे रहा होगा और उसके कार्यकाल में स्टेशन का विकास कैसा हो रहा होगा यह साफ समझा जा सकता है।

ए श्रेणी के स्टेशन का हाल, मंडल के अधिकारी भी करते हीलाहवाली

कहने को तो हरदोई ए श्रेणी है लेकिन यात्री सुविधाओं से लेकर रखरखाव और निर्माण संबंधित कार्य में यह किसी हाल्ट स्टेशन से कम नहीं है। इस स्टेशन को थर्ड क्लास स्टेशन बनाने में स्टेशन के उच्च अधिकारियों की बड़ी भूमिका है। इसके साथ ही मंडल के अधिकारियों का भी संरक्षण इन अधिकारियों को प्राप्त रहता है। 19 सितंबर को सोशल मीडिया के माध्यम से मंडल के अधिकारियों को स्टेशन पर 100 फीट ऊंचे लगे तिरंगे झंडे के महीनों से गायब होने की जानकारी दी गई थी, लेकिन मंडल कार्यालय के जिम्मेदारों ने तिरंगा झंडा तत्काल लगवाए जाने के स्थान पर जवाब में आंधी तूफ़ान एवं वर्षा के कारण झंडा डैमेज हो गया है, उपलब्ध होने पर अविलम्ब लगाया जायेगा। यह बात कहकर अपना पलड़ा झाड़ लिया। हालांकि अब सवाल डीआरएम राजकुमार सिंह पर भी उठता है कि एक तिरंगे झंडे को लगाने में कौन सी उपलब्धता की आवश्यकता है, साथ ही चार दिन बीतने के बाद भी और कितना अविलम्ब होगा। एक तिरंगे झंडे को लगाने में क्या हरदोई के अधिकारी सक्षम नहीं है या कोई और बात है।

प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद रेल मंत्रालय की ओर से जारी आदेशों में समस्त श्रेणी के स्टेशनों पर 100 फीट ऊंचे तिरंगे झंडे को लगाने का आदेश जारी हुआ था, जिसके लिए बजट भी जारी हुआ था। इसके साथ स्टेशन के रखरखाव को लेकर भी अधिकारियों को बजट जारी होता है, लेकिन फिर भी मंडल के अधिकारियों से लेकर हरदोई के उच्च अधिकारी तिरंगा झंडा को लगवाने में भारी कोताही बरत रहे हैं, फिर भी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही सुनिश्चित नहीं की जा रही है।

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