Hardoi News: आयुष विंग अस्पताल में एक वर्ष से नहीं है दवाईयां, वापस लौट रहे मरीज, डॉक्टर बाहर की मेडिसन लिखने को मजबूर

Hardoi News: हरदोई में आयुष विंग चिकित्सालय में करीब 2 वर्षों से मरीजों को उपचार व दवा की जगह से परामर्श देकर वापस लोटाया जा रहा है।

Update:2023-05-20 16:51 IST
Hardoi news (photo: social media )

Hardoi News: देश में तेजी से घरेलू व देसी उपचार की ओर बढ़ावा दिया जा रहा है। लोग एलोपैथिक दवाइयों से बच रहे हैं। लोगों का रुझान एक बार फिर पुरानी पद्धति और की ओर जा रहा है। देश में अब एक बार फिर से आयुर्वेदिक यूनानी होम्योपैथिक डॉक्टरों के यहां लोगों की संख्या बढ़ी है। लोग एलोपैथिक के स्थान पर होम्योपैथिक आयुर्वेदिक व यूनानी दवा का सेवन कर रहे हैं। हरदोई में बना आयुष विंग अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।

हरदोई में आयुष विंग चिकित्सालय में करीब 2 वर्षों से मरीजों को उपचार व दवा की जगह से परामर्श देकर वापस लोटाया जा रहा है। आयुष्मान अस्पताल में दवा का स्टॉक समाप्त हो गया है। आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक दवाई लिखने पड़ रही है।जो मरीज एलोपैथिक दवाएं का सेवन करने से मना कर रहे हैं उन्हें बाजार से आयुर्वेदिक होम्योपैथिक व यूनानी दवाएं अधिक दामों पर खरीदनी पड़ रही है। वर्तमान समय में जो आयुष विंग की स्थिति है उसको देखकर यह नहीं लगता कि आने वाले समय में आयुष विंग के मरीजों को कोई राहत मिल सकेगी। शहर के जिला अस्पताल में यूनानी चिकित्सा पद्धति से आयुष विंग में मरीजों का इलाज किया जाता है।

सिर्फ़ परामर्श मिलने से लगातार घट रही मरीजो की संख्या

कोविड-19 के चलते 22 मार्च से 8 नवंबर 2020 तक जिला अस्पताल बंद रहा इसके बाद जिला अस्पताल तो एक बार पुनः शुरू हुआ और रोजाना 200 से अधिक मरीज ओपीडी में आने लगे।वर्ष 2021 के आखिरी माह में दवा का स्टॉक खत्म हो गया।आयुष विंग में दवा का स्टॉक खत्म होने से देशी चिकित्सा विधि पर भरोसा रख कर दूर दराज से आने वाले रोगियों को डेढ़ वर्ष से आयुष चिकित्सक सिर्फ़ परामर्श देकर ही वापस लौटा रहे हैं।आयुष चिकित्सकों को मरीजों की मांग पर बाजार की दवाई लिखनी पड़ रही है।आयुष विंग अस्पताल में परामर्श मिलने के कारण मरीजों की संख्या भी काफी कमी आ गई है।

अस्पताल के पीछे व अव्यवस्था होने पर मरीजो को नहीं मिलता अस्पताल

आयुष विंग अस्पताल ढूंढने में मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।दरअसल जिला अस्पताल के पीछे आयुष अस्पताल की इमारत बनी हुई है।मरीजों को नघेटा रोड से होकर आयुष विंग अस्पताल में जाना पड़ता है। आयुष अस्पताल के सामने खड़ी पुरानी एंबुलेंस अस्पताल को छुपा रही है जिससे मरीजों को लोगों से पूछ कर अस्पताल मिल पाता है।

क्या बोले ज़िम्मेदार

सीएमओ डॉक्टर आरके तिवारी ने बताया कि आयुष विंग के डॉक्टरों से इस समस्या से संबंधित वार्ता हुई है। दवाओं की उपलब्धता की प्रक्रिया शासन स्तर पर चल रही है। शासन से बजट मिलते ही आयुष विंग की दवाओं को चिकित्सालय में उपलब्ध करा दिया जाएगा।

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