UP: हरदोई में घटने के बजाय बढ़ गए गोवंश, जिम्मेदार बोले- पास के जिलों से आ रहे मवेशी
Hardoi News: हरदोई जिले में लगातार गोवंश की संख्या बढ़ती ही जा रही है। लगातार बढ़ रही गोवंश की संख्या चिंता का विषय बनी हुई है। ठंड के दिनों में भी किसान खेत में डटे रहकर अपने खेत की रखवाली करने को मजबूर हैं।
Hardoi News: हरदोई जिले में लगातार गोवंश की संख्या बढ़ती ही जा रही है। लगातार बढ़ रही गोवंश की संख्या चिंता का विषय बनी हुई है। आवारा गोवंश से किसान अपने खेत को बचाने का काम करते हैं। ठंड के दिनों में भी किसान खेत में डटे रहकर अपने खेत की रखवाली करने को मजबूर हैं। किसानों की समस्या यही नहीं समाप्त हुई है।
किसानों की बढ़ी परेशानी
किसानों ने बताया कि, अब तो मवेशी उनके घरों में भी प्रवेश करने लगे हैं। जिससे आए दिन घर में रखे सामान को नुकसान पहुंच रहा है। किसान लगातार मवेशियों को संरक्षित करने की मांग कर रहे हैं। जिला प्रशासन के अभिलेखों में आवारा गोवंशों को संरक्षित किया गया है। गोवंशों की बेहतरीन देखभाल के लिए कान्हा गौशाला, अस्थाई गौशाला, स्थाई गौशाला का निर्माण कराया गया है। साथ ही, उनके खाने-पीने की भी व्यापक व्यवस्था की गई है। हालांकि, इन सब के बीच का कई मवेशियों की मौत भी हो चुकी है। जिलों में बढ़ रही गोवंशों की संख्या पर विभाग ने बताया कि, दूसरे जिलों से मवेशी यहां छोड़ दिए जा रहे हैं। जिसके चलते यह संख्या बढ़ रही है।
कई गौ शालाओं का हो रहा निर्माण
हरदोई में गोवंशों को संरक्षित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल, 316 वृहद गौ संरक्षण केंद्र, ग्रामीण क्षेत्र में 6 व शहर में पांच अस्थाई आश्रय स्थल, 6 कान्हा गौशाला पंजीकृत है। इनमें आंकड़ों के मुताबिक, 52369 रुपए व सहभागिता योजना में 6482 गोवंश संरक्षण ले रहे हैं। वहीं, पशुपालन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 341 आश्रय स्थलों में कुल 5861 अन्ना मवेशी संरक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
जबकि, शहरी क्षेत्र में 102 और ग्रामीण क्षेत्रों में 2731 गोवंशों की मृत्यु भी हो चुकी है। जिले में अन्ना मवेशियों के लिए 38 गौ आश्रय स्थलों में से 34 के लिए जमीन चयनित कर ली गई है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। वहीं, अन्ना मवेशियों के संरक्षण के लिए 8 वृहद गौ संरक्षण केंद्रों में से ब्लॉक हरपालपुर के ग्राम बर्रा व अहिरोरी के मंगोलापुर को छोड़कर पिहानी के उच्चवल, बावन के काशीपुर व बरेला कमलपुर, टडीयावा के बरगवां, शाहाबाद के टडेर व हरियावा के कुरसेली में निर्माण कार्य शुरू हो गया है। गौ आश्रय स्थल बनने के बाद जिले में शेष बच्चे गौ वंशों को संरक्षित करने का कार्य किया जाएगा।