Hardoi News: भाई को फंसाने के लिए बनवाया फर्जी जाति प्रमाणपत्र, पुलिस ने इस तरह किया बेनकाब

Hardoi News: फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने का मामला सामने आया है। यहां एक भाई ने अपने भाई के विरुद्ध षड्यंत्र रचते हुए फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया और फिर उसे पर एससी एसटी एक्ट में अभियोग पंजीकृत कर दिया।;

Report :  Pulkit Sharma
Update:2024-01-18 17:52 IST

हरदोई में भाई को फंसाने के लिए बनवाया फर्जी जाति प्रमाणपत्र (न्यूजट्रैक)

Hardoi News: प्रदेश में लगातार फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र के मामले सामने आते रहते हैं। जन्म प्रमाण पत्र के मामले में उत्तर प्रदेश के रामपुर से विधायक व मंत्री अब्दुल्ला आजम व उनके पिता आजम खान भी जेल की हवा काट रहे हैं। हरदोई जनपद में भी फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने का मामला सामने आया है। यहां एक भाई ने अपने भाई के विरुद्ध षड्यंत्र रचते हुए फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया और फिर उसे पर एससी एसटी एक्ट में अभियोग पंजीकृत कर दिया। एक भाई ने अपने दूसरे भाई के नाम के साथ एक अन्य को एससी एसटी एक्ट में फंसाने का प्रयास किया था लेकिन अब फर्जी प्रमाण पत्र पुलिस के सामने बेनकाब हो चुका है।

फ़र्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने वाले पर नहीं हो रही कार्यवाही

मामला भरावन विकासखंड का है जहां सिस्टम की बड़ी लापरवाही से लोगों पर एससी एसटी एक्ट में अभियोग पंजीकृत कराया जा रहा है। अतरौली थाना क्षेत्र के कुम्हारनखेड़ा बमनोवा के रहने वाला सर्वेश पाल के सगे भाई ने लेखपाल के साथ साठ गांठ कर फर्जी अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवा लिया और अपने भाई के विरुद्ध मारपीट का मामला बताते हुए अनुसूचित जनजाति आयोग में शिकायत कर दी। सर्वेश पाल और देशराज के विरुद्ध सूचित जनजाति आयोग में शिकायत का संज्ञान लेते हुए आयोग ने सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकरण कराया वही सर्वेश ने बताया कि देशराज नौकरी करता है और उसके ड्यूटी पर होने के साक्ष भी पुलिस को जांच में मिले इसके बाद पुलिस द्वारा देशराज का नाम तो निकाल दिया लेकिन न्यायालय में प्रस्तुत किए गए आरोप पत्र में नाम नहीं निकला।

सर्वेश को जब इस बाबत पता चला कि उसके ऊपर एससी एसटी एक्ट में अभियोग पंजीकृत हुआ है और यह अभियोग उसके सगे भाई द्वारा पंजीकृत कराया गया है। इसके बाद सर्वेश द्वारा उत्तर प्रदेश मानव अधिकार आयोग में अपने भाई मुनेंद्र के खिलाफ साक्ष्य देते हुए मामले का संज्ञान लेने की मांग की। सर्वेश के मामले में संज्ञान लेते हुए अतरौली थाना पुलिस को अभियोग दर्ज करने के निर्देश मानवाधिकार ने दिये।18 दिसंबर 2020 को मुनेन्द्र के विरुद्ध धारा 182 व 211 में अभियोग पंजीकृत किया गया।

पूरे मामले में सर्वेश का कहना है कि पुलिस द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र साबित होने के बाद भी उसके विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया है और उसे मजबूरन जमानत करानी पड़ी। सर्वेश ने बताया कि मुनेंद्र के मामले में पुलिस कोई भी कार्यवाही नहीं कर रही है। मामले में विवेचना कर रहे उपनिरीक्षक शिवनारायण सिंह ने बताया कि मुनेंद्र के जाति प्रमाण पत्र को तहसीलदार संडीला राजीव यादव के पास जांच के लिए भेजा गया था। जांच के बाद तहसीलदार ने रिपोर्ट लगाने वाले लेखपाल व जारी करने वाले तहसीलदार का नाम छुपाते हुए जाति प्रमाण पत्र गलत बताया है। इस मामले जाँच अधिकारी ने बताया कि जल्दी आरोप पत्र दाखिल कर दिया जाएगा।

Tags:    

Similar News