Hardoi News: प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, जांच में 47 लोग मिले अपात्र

Hardoi News: मामला हरदोई जनपद के संडीला ब्लाक का है, जहां एक मृतक व 47 अपात्रों को पात्र बनाकर प्रधानमंत्री आवास का आवंटन किया गया था।

Report :  Pulkit Sharma
Update:2023-11-16 12:37 IST

मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय की तस्वीर (Newstrack)

Hardoi News: हरदोई जनपद में लगातार मृतकों व अपात्रों को योजनाओं का लाभ मिलने के मामले सामने आते रहते हैं। यह लाभ चाहे प्रधानमंत्री आवास का हो या मुख्यमंत्री द्वारा चलाई जा रही कोई योजनाओं का। ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के मामले अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। प्रधानमंत्री आवास की यदि बात की जाए तो प्रदेश भर में प्रधानमंत्री आवास में पड़ा भ्रष्टाचार सामने आता रहता है। कहीं प्रधानमंत्री आवास बनवाने में मानकों को दरकिनार किया जाता है तो कहीं उसके आवंटन में। हरदोई में भी लगातार ग्राम प्रधानों की मनमानी के चलते अपात्रो व मृतकों के नाम प्रधानमंत्री आवास दिए जाने के कई मामले सामने आए हैं। मामलों के सामने आने के बाद जिला प्रशासन इन पर कार्यवाही करके इन्हें खाली कराने के निर्देश जारी करता है। लेकिन, इस बार हरदोई में कैसा मामला सामने आया है जहां प्रशासन के दखल के बाद भी ग्राम प्रधान की दबंगई के चलते बीडीओ द्वारा बनाई गई रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं कर रहा है।

47 अपात्रों को दिया गया प्रधानमंत्री आवास

मामला हरदोई जनपद के संडीला ब्लाक का है, जहां एक मृतक व 47 अपात्रों को पात्र बनाकर प्रधानमंत्री आवास का आवंटन किया गया था। प्रधानमंत्री आवास योजना में अपात्रों को पात्र बनाने को लेकर जिला प्रशासन स्तर से एक टीम गठित की गई थी जो कि प्रधानमंत्री आवास योजना की जांच कर रही थी। ऐसे में संडीला ब्लाक से जांच के दौरान यह मामला सामने आया है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जांच में पात्रों को पात्र पाए जाने के बाद ग्राम प्रधान व राजनीतिक दल कि इस मामले में दखलअंदाजी शुरू हो गई है। ग्राम प्रधान व राजनीतिक दल आपात्रों को पात्र बनाने का दावा अधिकारियों पर बना रहे हैं।

एक मृतक को भी दे दिया आवास

संडीला के ग्राम पंचायत टिकराकला में भी आवास में आवंटन में सुविधा शुल्क लेकर अपात्रों को लाभ दिए जाने की शिकायत जिला प्रशासन से हुई थी। आलाधिकारियों के निर्देश पर जांच टीम गठित हुई। जांच में टीम को एक लाभार्थी मृतक मिला जबकि 47 लाभार्थी अपात्र मिले। अपात्र लाभार्थियों के केस रिमांड किए जाने के लिए जांच रिपोर्ट एवं ग्राम सभा के प्रस्ताव की आवश्यकता होती है।बीडीओ संडीला ने इस बाबत रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें बताया कि ग्राम विकास अधिकारी टिकराकला के द्वारा लिखित रूप से अवगत कराया गया है कि उनके द्वारा ग्राम पंचायत की कार्रवाई तैयार कर ली गई, लेकिन ग्राम प्रधान उसे रिपोर्ट पर अपने हस्ताक्षर करने से मना कर रहा है साथ ही लगातार राजनीतिक दबाव डलवा कर आपात्रों को पात्र बनाने की बात कह रहे हैं। इसके चलते रिमांड की कार्रवाई पूरी नहीं की जा रही है। फिलहाल आपात्रों को पात्र बनाने को लेकर राजनीतिक हस्तक्षेप यह कोई नई बात नहीं है। वोटो की खातिर राजनीतिक दल से जुड़े लोग अधिकारियों पर अनैतिक कार्य को लेकर दवा बनाते रहते हैं।

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