Hardoi News: यूनिफ़ाइड पेंशन के विरोध में सरकारी कर्मचारी, पुरानी पेंशन बहाल करने की माँग

Hardoi News: रेल कर्मियों के साथ शिक्षक संगठनों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम समझ में नहीं आ रही है। रेल कर्मचारियों के साथ शिक्षक पुरानी पेंशन की बहाली की मांग सरकार से कर रहे हैं।

Report :  Pulkit Sharma
Update: 2024-08-28 09:21 GMT

Hardoi News (Pic: Social Media)

Hardoi News: केंद्र सरकार ने लगातार पेंशन को लेकर हो रही मांगों को देखते हुए नई पेंशन स्कीम को लागू किया है। केंद्र सरकार के मंत्री अश्विनी वैष्णव में नई पेंशन स्कीम की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम की घोषणा की। यूनिफाइड पेंशन स्कीम 1 जनवरी 2025 से लागू होगी। केंद्रीय मंत्री के यूनिफाइड पेंशन स्कीम की घोषणा के बाद से ही इसका विरोध भी शुरू हो गया है। सरकारी कर्मचारी यूनिफाइड पेंशन के स्थान पर पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं। 2004 से सरकार ने पुरानी पेंशन को बंद कर दिया था तब से लगातार सरकारी संगठन पुरानी पेंशन बहाल को लेकर मांग कर रहे हैं। 

 पुरानी पेंशन लागू करने के लिए प्रदर्शन

शिक्षा विभाग से लेकर रेलवे इस पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं। अलग-अलग विभाग के संगठनों द्वारा एक मंच पर आकर पुरानी पेंशन की बहाली की मांग करना शुरू कर दिया था। पुरानी पेंशन को लेकर लगातार सरकारी संगठन प्रदर्शन करते आ रहे हैं। यूनिफाइड पेंशन स्कीम की घोषणा के बाद से लगातार भाजपा के मंत्री विधायक से लेकर अलग-अलग विभागों के अधिकारी यूनिफाइड पेंशन के लाभ बताने में लगे हुए हैं। हाल में ही मंडल रेल कार्यालय मुरादाबाद के रेल प्रबंधक ने यूनिफाइड पेंशन को लेकर एक प्रेस वार्ता की थी जिसमें पेंशन से संबंधित फायदे गिनाए थे।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम में बुराइयां

रेल कर्मियों के साथ शिक्षक संगठनों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम समझ में नहीं आ रही है। रेल कर्मचारियों के साथ शिक्षक पुरानी पेंशन की बहाली की मांग सरकार से कर रहे हैं। पुरानी पेंशन को लेकर अपनी आवाज बुलंद करने वाले ऑल टीचर्स एम्पलाई वेलफेयर एसोसिएशन के साथ जिले के आने शिक्षक संगठनों को टेक्निकल आधार पर पुरानी पेंशन के मुकाबले यूनिफाइड पेंशन स्कीम में अच्छाइयों से ज्यादा बुराइयां नजर आ रहे हैं। इसलिए अब अलग-अलग संगठन इसके विरोध में रूपरेखा बना रहे हैं जिससे पुरानी पेंशन को लागू कराया जा सके।

गिनाए ओपीएस के फायदे

सरकारी कर्मचारी नेताओं ने बताया कि ऑफिस में वेतन से कोई कटौती नहीं है जबकि एनपीएस में मूल वेतन से 10% कटौती व सरकार अंश 14% है। यूपीएस में मूल वेतन से 10% कटौती और सरकार का 18.5% अंश है। ओपीएस में आखिरी वेतन का 50% पेंशन का प्रावधान है जबकि यूपीएस में कर्मचारियों को उसके आखिरी मूल वेतन के 12 माह के औसतन मूल वेतन के 50% के बराबर ही एश्योर्ड पेंशन है। ओपीएस में पेंशन पर महंगाई बढ़ता है एनपीएस में महंगाई भत्ता नहीं है। वहीं यूपीएस में महंगाई भत्ते का फायदा मिलेगा। ओपीएस ने जीपीएफ है एनपीएस में नहीं है। यूपीएस में एक मुक्त राशि सेवानिवृत्ति के बाद दी जाएगी। इस तरह के और भी कई बदलाव तीनों में है इसलिए इसका विरोध किया जाएगा। 

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