Hardoi News: हरदोई में भ्रष्ट अधिकारी नहीं मानते ज़िलाधिकारी का आदेश, कर दिया करोड़ों का भुगतान, जाने मामला

Hardoi News: हरदोई के सरकारी कर्मचारी इतने दबंग हो चुके हैं कि जिलाधिकारी के भुगतान पर रोक लगाने के निर्देश के बाद भी छः विकास खंड में मनरेगा के सामग्री अंश पर लगभग 12 करोड रुपए का भुगतान कर दिया।

Report :  Pulkit Sharma
Update: 2023-10-13 06:42 GMT

hardoi corruption case  (photo: social media )

Hardoi News: हरदोई के सरकारी कर्मचारी इतने ज्यादा भ्रष्टाचार में लीन हो चुके हैं कि उन्हें अब आदेशों व शासनादेशों किसी की भी कोई भी परिवाह नहीं है। आये दिन मीडिया में जनपद में भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहते हैं। इन सभी मामलों में कोई ठोस कार्रवाई न होना व मामले की जांच में देरी होने से भ्रष्टाचार में संलिप्त सरकारी कर्मचारी मनमाने तरीके से काम करते हैं और अपनी पहुंच के चलते हैं मामले की फाइलों को भी दबा देते हैं। हरदोई के सरकारी कर्मचारी इतने दबंग हो चुके हैं कि जिलाधिकारी के भुगतान पर रोक लगाने के निर्देश के बाद भी छः विकास खंड में मनरेगा के सामग्री अंश पर लगभग 12 करोड रुपए का भुगतान कर दिया।

गत वर्ष 2022-23 में जनपद के पांच विकास खंडों में श्रम सामग्री का अनुपात गड़बड़ा गया था जिसकी शिकायत होने पर जिलाधिकारी द्वारा सुरसा, बावन, तड़ियाव, सांडी, हरपालपुर और भरखनी के सामग्री अंश के लंबे भुगतान पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए थे। जिलाधिकारी द्वारा जिन विकास खंडों पर रोक लगाई गई थी उनमें 22 करोड़ 74 लाख 91000 भुगतान पर रोक लगा दी गई थी।जिलाधिकारी के आदेशों को दरकिनार करते हुए दबंग सरकारी कर्मचारियों द्वारा जुलाई और अगस्त में 11 करोड़ 94 लाख 87000 का भुगतान कर दिया गया।हालांकि इस बारे में जिलाधिकारी को कोई भी जानकारी नहीं दी गई।

बड़े भ्रष्टाचार की हो सकती है सुगबुगाहट

सदर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अधिकारियों द्वारा जिलाधिकारी के आदेशों को दरकिनार करते हुए भुगतान किया गया।सुरसा और बावन के तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी द्वारा जिलाधिकारी के आदेश की अनदेखी की गई है।सुरसा में 3 करोड़ 74 लाख 50000 के भुगतान का रोक लगाई थी लेकिन तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी ने 99 फ़ीसदी भुगतान कर दिया।कार्यक्रम अधिकारी द्वारा 3 करोड़ 73 लाख 16000 रुपए का भुगतान कर दिया गया इसी तरह बावन में एक करोड़ 10 लाख 73000 का भुगतान पर रोक लगाई गई थी जबकि कार्यक्रम अधिकारी द्वारा 91 लाख 75000 का भुगतान कर दिया गया सांडी और भरखनी में भी इसी तरह से अधिकारियों ने बड़ा खेल किया सांडी में जिलाधिकारी ने एक करोड़ 77 लाख 70 हजार रुपए पर रोक लगाई थी इसके बावजूद यहां अधिकारियों ने एक करोड़ 22 लाख 65000 का भुगतान कर दिया वहीं भरखनी में 8 करोड़ 11 लाख रुपए के भुगतान पर रोक लगाई थी लेकिन यहां चार करोड़ 70 लाख 89000 का भुगतान किया गया।टड़ियाँवा विकासखंड में 4 करोड़ 38 लाख 96000 के भुगतान पर रोक लगी थी यहां एक करोड़ 77 लाख ₹50000 का भुगतान किया गया, हरपालपुर में 3 करोड़ 73 लाख 36 हजार रुपए के भुगतान पर रोक लगी थी लेकिन वहां भी 22 लाख 67 000 रुपए का भुगतान किया गया।

अभी तक नहीं मिल सकी जाँच रिपोर्ट

सीडीएस सौम्या गुरुरानी में 6 जुलाई को दो टीम में गठित की थी।दोनों टीमों को तीन-तीन ब्लॉक की जिम्मेदारी दी गई थी जिला विकास अधिकारी और लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता को सुरसा,बावन और टड़ियाँवा की जिम्मेदारी दी गई थी वहीं ग्राम विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक और ग्रामीण अभिनियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता को भरखनी, सांडी और हरपालपुर की जिम्मेदारी दी गई थी।15 दिन में सीडीओ व्याख्या मांगी थी लेकिन 96 दिन बीतने के बाद भी अभी तक सत्यापन शुरू नहीं हुआ है।

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