Hardoi News: इस मसाले की खेती से मिल रहा मुनाफ़ा, बना किसानों की पसंद
Hardoi News: सौंफ की खेती कर हरदोई के किसान ने अच्छा मुनाफा कमाया है। साथ ही अब किसान आधुनिक खेती की तरफ आगे बढ़ रहे हैं।;
Hardoi News: हरदोई में किसान अब नई-नई खेती कर रहे हैं। कोविड के बाद से लगातार किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं। किसान प्रधानमंत्री से प्रेरित होकर लगातार नए-नए फसलों को उगाकर मालामाल हो रहे हैं। हरदोई में फूलों की खेती के साथ कुछ प्रमुख फलों की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। वहीं कई ऐसी भी खेती हो रही हैं जिन्हें आज तक ना ही किसी ने सुना है और ना ही देखा होगा।
हरदोई में हो रही सौंफ की खेती
भारत में अलग-अलग राज्य में अलग-अलग खेती की जाती है। उत्तर प्रदेश गन्ना, चावल, गेहूं के लिए सबसे प्रसिद्ध था, लेकिन अब उत्तर प्रदेश में भी किसान अत्याधुनिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं। सरकार से भी किसानों को सहायता के साथ आर्थिक मदद भी दी जा रही है जिसका लाभ लेकर किसान अपनी खेती को आगे बढ़ा रहे हैं। हरदोई का एक किसान जिसने सौफ़ की खेती कर अपनी खेती के नया आयाम दिया है। इसी के साथ कम समय में अच्छा मुनाफा भी कमा रहा है। किसान ने बताया कि हरदोई में कई ऐसे किसान है जो सौफ़ की खेती कर रहे हैं।
30 हज़ार प्रति कुंतल मुनाफ़ा कमा करे किसान
मसाले की बात जब आती है तो मसाले केरल के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं। मसालों की खेती दक्षिण भारत में होती है लेकिन अब मसाले से जुड़ी कुछ खाद्य सामग्रियों की खेती उत्तर प्रदेश में भी होने लगी है। ऐसे ही एक खेती है सौफ़ की। हरदोई के किसान जीवनलाल वर्मा बताते हैं कि सौंफ की खेती उन्हें कम समय में अच्छा मुनाफा दे रही है। पारंपरिक खेती को छोड़ अब वह सौंफ की खेती कर रहे हैं। जीवनलाल ने बताया कि सौंफ की खेती काफी कम समय में तैयार हो जाती है। सौफ़ की खेती नवंबर दिसंबर में बोई जाती है और मार्च अप्रैल तक यह कटकर तैयार हो जाती है। यानी कि इस खेती को चार से पांच महीने के अंदर काटा जा सकता है।
कम लागत में ज्यादा मुनाफा
सौंफ की खेती में लागत भी कम आती है। इस खेती को करने के लिए 5 से 6 किलो खाद डालना पड़ती है जबकि पानी भी इसमें एक या दो बार ही लगाना होता है। हालांकि इसके बाद सौफ़ की खेती की कटाई दो से तीन बार करनी पड़ती है। जीवन लाल ने बताया कि उन्होंने अपने पाँच बीघा के खेत में सौंफ की फसल को उगाया है। पांच बीघे में 6 से 7 कुंतल सौफ़ निकलती है। जिसे हरदोई, लखनऊ, कानपुर समेत देश के अन्य शहरों में व्यापारियों को बेचा जाता है। सौंफ की खेती करने पर उन्हें ₹30000 प्रति कुंतल तक खरीद मिल जाती है। जीवनलाल ने बताया कि व्यापारी खेत से ही सौफ़ को खरीद ले जाते हैं। जीवनलाल ने कहा कि इससे पहले वह गेहूं, सरसों, धान की खेती करते थे जिसमें लागत अधिक थी, मेहनत ज्यादा थी और मुनाफा भी ज्यादा अच्छा नहीं था। लेकिन जब से सौफ़ की खेती की है तब से उन्हें काफी अच्छा मुनाफा मिल रहा है।