Hardoi News : मानकों को दरकिनार कर संचालित हो रहे मेडिकल स्टोर, आमजन के स्वास्थ्य से कर रहे खिलवाड़
हरदोई जनपद में अवैध नर्सिंग होम के साथ बिना फ़ार्मासिस्ट की मौजूदगी के मेडिकल स्टोर भी संचालित हो रहे हैं। कुछ क्षेत्र मेडिकल स्टोर के लिए पूरी तरह से बदनाम तक है, लेकिन जिम्मेदार इन सब बातों को भूल जाते हैं।
Hardoi News : प्रदेश के जनपद हरदोई में स्वास्थ्य महकमा या उससे जुड़े विभाग लगातार खिलवाड़ कर रहे हैं, जिसका खामियाजा लगातार क्षेत्र की जनता को उठाना पड़ रहा है। हरदोई जनपद में अवैध नर्सिंग होम के साथ बिना फ़ार्मासिस्ट की मौजूदगी के मेडिकल स्टोर भी संचालित हो रहे हैं। कुछ क्षेत्र मेडिकल स्टोर के लिए पूरी तरह से बदनाम तक है, लेकिन जिम्मेदार इन सब बातों को भूल जाते हैं। वही, मेडिकल स्टोर संचालक अपनी जेब भरने के लिए लोगों की जान के साथ तक खिलवाड़ करने से पीछे नहीं हटते हैं।
हरदोई में थोड़ी-थोड़ी दूर पर मेडिकल स्टोर संचालित होते मिल जाएंगे, जहां सर्दी-जुकाम-बुखार से लेकर गंभीर बीमारियों तक की दवा लोगों को उपलब्ध हो जाती हैं। कुछ मेडिकल स्टोर के संचालक तो डॉक्टर बनकर लोगों को बुखार-सिर दर्द - पेट दर्द संबंधित बीमारियों की दवा तक दे देते हैं। हरदोई में स्वास्थ्य व औषधि प्रशासन की नाक के नीचे ही यह सब चल रहा है। औषधि प्रशासन हो या स्वास्थ विभाग जब कभी हादसा होता है तब जिम्मेदारों की नींद टूटती है और कार्रवाई कर मामले को शांत कर दिया जाता है। हाल में ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अवैध अस्पतालों पर शिकंजा कसने का आदेश जारी किया था, लेकिन इन आदेशों का जिम्मेदार पालन नहीं कर पा रहे हैं। वहीं, औषधि प्रशासन विभाग भी अपने कर्तव्य का पूरी तरह से पालन करने में पीछे है।
हरदोई में 1500 मेडिकल स्टोर का पंजीकृत
हरदोई शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक भारी संख्या में मेडिकल स्टोर खुले हुए हैं। मेडिकल स्टोर को खोलने के लिए शासन से अनुमति लेनी होती है, जिसमें फार्मासिस्ट अपनी डिग्री लगाता है, तब जाकर मेडिकल स्टोर को खोलने की अनुमति शासन देता है। मेडिकल स्टोर के संचालन के समय फार्मासिस्ट का मेडिकल स्टोर पर होना अनिवार्य है, जबकि कुछ फार्मासिस्ट अपना लाइसेंस किराए पर उठाकर एक मोटी रकम प्रति माह लेते हैं और लाइसेंस लेने वाला व्यक्ति मेडिकल स्टोर खोलकर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करता है।
बिना फार्मासिस्ट के चल रहे मेडिकल स्टोर
हरदोई में सैकड़ों की संख्या में ऐसे मेडिकल स्टोर हैं, जहां कोई भी फार्मासिस्ट नहीं बैठता है और उन मेडिकल स्टोर से लोगों को दवाइयां इंजेक्शन की बिक्री के साथ डॉक्टर बनकर इलाज तक कर दिया जाता है। हर विभाग की तरह स्वास्थ्य विभाग में भी माफिया राज हावी है। यहां पर भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता है। औषधि प्रशासन विभाग के पोर्टल पर मेडिकल स्टोर व प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का विवरण है, जिसमें संचालक के पास फार्मासिस्ट बदलने का विकल्प होता है। ऐसे में जनपद में संचालित हो रहे कई मेडिकल स्टोर ऐसे हैं, जिन्होंने इस विकल्प का प्रयोग करते हुए फार्मासिस्ट को हटा दिया, जबकि नए फार्मासिस्ट का नाम व डिग्री को दर्ज नहीं किया गया है।
मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट का होना अनिवार्य
इसके बाद से यह मेडिकल स्टोर बिना फार्मासिस्ट के ही संचालित हो रहे हैं। इस बाबत औषधि प्रशासन विभाग के जन औषधि निरीक्षक स्वागतिका घोष ने बताया कि जनपद में करीब 1500 मेडिकल स्टोर 10 जन औषधि केंद्र संचालित हैं, सभी जगह फार्मासिस्ट का होना अनिवार्य है। समय-समय पर संस्थाओं की जांच की जाती है। अगर कहीं भी फार्मासिस्ट के बिना मेडिकल स्टोर या जन औषधि केंद्र संचालित मिलते पाया जाएगा तो उसके विरुद्ध सख़्त कार्रवाई की जाएगी।