Hardoi News: बाइक और कार के जमाने में साइकिल भत्ते पर पुलिस, मुलजिमों के खाने के दाम ने भी चौंकाया
Hardoi News: पुलिस के अधिकारी अपने अधीनस्थों से उम्मीद तो करते हैं कि वह पूरी मुस्तैदी से अपने क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें लेकिन पुलिस की यह मुस्तैदी उनकी जेब पर भारी पड़ रही है।
Hardoi News: केंद्र व प्रदेश सरकार एक ओर जहां अंग्रेजी शासन के समय बने कानूनों में बदलाव कर रही है लेकिन आज भी अंग्रेजी शासन काल में बना एक नियम बरकरार है। दिन पर दिन महंगाई बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि इस महंगाई ने आमजन की कमर को तोड़ कर रख दी है। महंगाई को देखते हुए जनप्रतिनिधियों को मिलने वाले सरकारी खर्चों में तो इजाफा हुआ लेकिन जनता की सुरक्षा करने वाली पुलिस आज भी अंग्रेजी शासन के समय बने भत्ते पर गुजारा कर रही है।
पुलिस के अधिकारी अपने अधीनस्थों से उम्मीद तो करते हैं कि वह पूरी मुस्तैदी से अपने क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें लेकिन पुलिस की यह मुस्तैदी उनकी जेब पर भारी पड़ रही है। पुलिसकर्मियों को अपनी जेब से क्षेत्र में कार्य के लिए पेट्रोल डलवाना पड़ता है, जबकि आज भी पुलिस कर्मियों को क्षेत्र की देखभाल के लिए साइकिल भत्ता दिया जा रहा है। ऐसे में पुलिसकर्मियों पर कार्य में अतिरिक्त आर्थिक दबाव बढ़ रहा है।
पुलिस जीप के लिए है 200 लीटर डीज़ल
पुलिसिंग व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के लिए शासन व जनपद के अधिकारी लगातार अपने अधीनस्थों को निर्देशित करते रहते हैं लेकिन पुरानी पद्धति के अनुसार आज भी पुलिस कर्मियों को मिल रहे भत्ते से क्षेत्र में गश्त करना और आवश्यक कार्य को निपटना मुश्किल होता जा रहा है। पुलिस विभाग में एसआई को हर माह बाइक का ₹700, दीवानों कांस्टेबल को अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा साइकिल भत्ता ₹200, थाने की जीप जो पेट्रोलिंग करेगी उसको हर माह 200 लीटर डीजल, पकड़े गए मुलजिमों का लंच ब्रेकफास्ट ₹25 प्रतिदिन चल रहा है जो कि इस महंगाई के समय में मुश्किल होता जा रहा है। चोर बदमाश फोर व्हीलर और स्पोर्ट्स बाइक से घटना को अंजाम देने के लिए आते हैं ऐसे में यदि क्षेत्र की देखभाल करने वाला कांस्टेबल या दीवान साइकिल से चलेगा तो फिर क्षेत्र के लोगों को स्वयं अपनी रक्षा करनी पड़ेगी।
आलम यह है कि अपराधियों तक पहुंचने के लिए पुलिस अपनी जेब से बाइक में पेट्रोल डलवा रहे हैं। पुलिस कर्मियों का प्रतिदिन 1 से 2 लीटर पेट्रोल खर्च हो जाता है जिसमें क्षेत्र में गश्त करना और आवश्यक कार्य को निपटाना जिनमे नोटिस तामील कराना, आर्म्स लाइसेंस, पासपोर्ट, कैरेक्टर सहित अन्य तरह की जांचों का सत्यापन कराने का कार्य होता है। इसके साथ ही ₹200 के साइकिल भत्ते में दीवान और कांस्टेबलों को बीट से आने वाली शिकायतों की भी जांच करने व उसकी रिपोर्ट को भी तैयार करना होता है। जनपद में 58 निरीक्षक, 250 उप निरीक्षक, 395 हेड कांस्टेबल और 2144 कांस्टेबल है।