Hardoi News: जेल में बंद बंदी दिखा रहे अपना हुनर, बंदियों को मिलने वाले मेहनताने से परिवार का हो रहा पोषण

Hardoi News: जिला कारागार में ऐसे ही मेहनत करने वाले बंदियों के लिए कार्य करने के सुनहरे अवसर बने रहते हैं। जो बंदी मेहनत व लगन से कार्य करता है उसको उसका मेहनताना भी मिलता है।;

Report :  Pulkit Sharma
Update:2024-01-09 17:27 IST

हरदोई में जेल में बंद बंदी दिखा रहे अपना हुनर (न्यूजट्रैक)

Hardoi News: कहते हैं ना जो मेहनत करता है वह कहीं भी रहकर मेहनत कर सकता है। उसके लिए कोई भी वातावरण कोई भी परिस्थिति महत्व नहीं रखती। जिला कारागार में ऐसे ही मेहनत करने वाले बंदियों के लिए कार्य करने के सुनहरे अवसर बने रहते हैं। जो बंदी मेहनत व लगन से कार्य करता है उसको उसका मेहनताना भी मिलता है। जिला कारागार में ऐसे कई बंदी हैं जो जेल में होने के बाद भी अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं।

जेल प्रशासन द्वारा तमाम तरह के प्रशिक्षण बंदियों को दिये जाते रहते हैं। जिला कारागार में ऐसे कई बंदी है जो जेल से प्राप्त आमदनी को अपने परिवार के पालन पोषण में व बच्चों की पढ़ाई में खर्च कर रहे हैं। यह वह बंदी हैं जो जेल में रहकर भी अपने हुनर का लोहा मनवा रहे हैं। जेल प्रशासन द्वारा बंदियों को आमदनी को उनके परिजनों को सुपुर्ध कर दिया जाता है जिसका समय रहते बंदियों के परिजन बखूबी प्रयोग कर पा रहे हैं।

43 हज़ार तक कमा चुके है बंदी

हरदोई के जिला कारागार में ऐसे कई बंदी हैं जो पसीना बहा कर परिश्रम के रूप में मिलने वाले रुपए से घर वालों की मदद कर रहे हैं। जिला कारागार में कृषि के साथ भंडार, साफ सफाई को लेकर अन्य सभी काम जेल में निरुद्ध बंदियों से कराए जाते हैं।जिला कारागार में बंद अकुशल बंदी को 50, अर्ध कुशल को 60 और कार्य में कुशल को 81 रुपए प्रतिदिन दिए जाते हैं। जिला कारागार में लगभग 1200 बंदी है इनमें से 175 बंदी ऐसे हैं जिन्होंने अपने प्रशिक्षण में मेहनत से 15 से 43 हज़ार रुपए तक जमा कर अपने परिजनों को भिजवाए जिससे उनके परिवार का पालन पोषण व बच्चों की पढ़ाई हो सके।

जिला कारागार में बंद तड़ीयावा क्षेत्र के बांधा निवासी छोटेलाल जेल में बंद है। जेल में मेहनत कर उन्होंने ₹25000 जमा किया उनकी पत्नी सरस्वती जेल से चेक ले आई। इन रुपए को उन्होंने बच्चों की पढ़ाई के साथ ही अन्य जरूरी कार्य पर खर्च किया। साथ ही जिला कारागार में बंद पाली क्षेत्र के रामराज ने जेल में रहते हुए मेहनत कर 43200 जमा किए। इसके बाद रामराज जेल से अपने साथ वह रुपए ले आए और उन रुपए से रोजगार शुरू कर अपने परिवार के साथ राज़ी खुशी जीवन व्यापन कर रहे हैं।

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