Hardoi News: परिषदीय स्कूल में बनेगी किचन गार्डन, जारी हुई धनराशि
Hardoi News: इस गार्डन में परिषदीय स्कूल में प्रयोग करने के लिए पौष्टिक सब्जियों का उत्पादन कराया जाएगा। किचन गार्डन की व्यवस्था पूर्व में भी लागू थी जो कि इस वर्ष भी जारी रहेगी।
Hardoi News: परिषदीय विद्यालयों के बच्चे अब पौष्टिक सब्जियों के बारे में पढ़ेंगे ही नहीं बल्कि उनको स्कूल में मिलने वाले मिड डे मील भोजन में प्रयोग भी करेंगे।इसके लिए शासन स्तर से धनराशि भी आवंटित कर दी गई है। हरदोई के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को पौष्टिक भोजन देने के उद्देश्य से किचन गार्डन का कार्य कराया जाएगा। इस गार्डन में परिषदीय स्कूल में प्रयोग करने के लिए पौष्टिक सब्जियों का उत्पादन कराया जाएगा। किचन गार्डन की व्यवस्था पूर्व में भी लागू थी जो कि इस वर्ष भी जारी रहेगी। शासन स्तर से किचन गार्डन के लिए 17,50000 रुपए की धनराशि जनपद को आवंटित कर दी गई है। किचन गार्डन बनाए जाने के लिए प्रत्येक ब्लॉकों से 19 विद्यालयों की सूची को मांगा गया है।सूची प्राप्त होने के बाद विद्यालयों का सत्यापन कराया जाएगा।किचन गार्डन के लिए उन परिषदीय स्कूलों को वरीयता दी जाएगी जिसमें पर्याप्त संसाधन हो और जिनको पहले भी 5000 की धनराशि दी जा चुकी हो।किचन गार्डन के लिए चयनित स्कूलों का सत्यापन कराने के बाद इनके खाते में 5000 की धनराशि भेज दी जाएगी।नए सत्र में परिषदीय विद्यालय में किचन गार्डन को विकसित करने का कार्य किया जाएगा जिसके बाद इन स्कूलों का क्रमवार बीएसए द्वारा निरीक्षण भी किया जाएगा।
प्रति बच्चे की हिसाब से जारी हुई दस करोड़ की धनराशि
परिषदीय विद्यालयों में किचन गार्डन के साथ ही बच्चों के मिड डे मील के लिए भी 10 करोड़ों रुपए का बजट जारी किया गया है।हरदोई जनपद के परिषदीय विद्यालयों में करीब 5 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। उन बच्चों के भोजन का ध्यान रखते हुए शासन स्तर से परिवर्तन लागत की राशि को जारी कर दिया गया है।बीएसए डॉ विनीता ने बताया कि शासन स्तर से बच्चों के लिए अप्रैल से नई दरें लागू की गई इसमें प्राथमिक विद्यालय के लिए 5.45 पैसे प्रति बच्चा व जूनियर विद्यालय के लिए 8.17 पैसे प्रति बच्चा प्रतिदिन के हिसाब से दर लागू की गई है।सभी परिषदीय विद्यालयों के लिए 10 करोड़ 57 लाख 53000 हजार रुपए की धनराशि जारी कर दी गई है।शासन से प्राप्त धनराशि प्रत्येक स्कूल के खाते में शीघ्र ही भेज दी जाएगी। राशि मिलने के बाद परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों पर भोजन का संकट नहीं आएगा।