Hardoi News: मेडिकल कॉलेज में बढ़ेंगे खून की जाँच के काउंटर, मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत
Hardoi News: पहले जिला अस्पताल में खून की जांच, एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड की ही सुविधा थी लेकिन जब से मेडिकल कॉलेज बना है तब से लगातार सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है।
Hardoi News: हरदोई का मेडिकल कॉलेज बनने के बाद से ही लगातार अपने मरीज को सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है। मेडिकल कॉलेज में मरीजों को ज्यादातर सुविधा दी जा रही हैं। मेडिकल कॉलेज बनने के बाद इसमें कई अत्याधुनिक मशीनों को लगाया गया। मेडिकल कॉलेज में अब कई बीमारियों की जांच हो सकती है। पहले जिला अस्पताल में खून की जांच, एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड की ही सुविधा थी लेकिन जब से मेडिकल कॉलेज बना है तब से लगातार सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन का लगातार उद्देश्य मरीजों को सुविधा देने का है।
मेडिकल कॉलेज प्रशासन के संज्ञान में मरीज को हो रही कोई असुविधा आती है तो वह उसका निदान करते हैं। ऐसे ही हरदोई में खून की जांच के लिए एक काउंटर होने से मरीजों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा था। मरीजों की समस्या को ध्यान में रखते हुए मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा अब काउंटरों की संख्या को बढ़ाने के लिए निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। जल्द ही लोगों को इसका लाभ मिलता हुआ नजर आएगा।
प्रतिदिन 250 से 300 की होती है जाँच
हरदोई का जिला अस्पताल जब से मेडिकल कॉलेज से संबुध हुआ है तब से लगातार सुविधा बढ़ रही हैं। हरदोई में सीटी स्कैन, डायलिसिस, थायराइड की जांच समेत कई अन्य जांच भी अब हरदोई के मेडिकल कॉलेज में मरीजों की हो रही हैं। इससे पहले मरीज को इन जांचों के लिए निजी पैथोलॉजी या फिर लखनऊ की दौड़ लगानी पढ़ती थी लेकिन अब मरीजों की यही जांच हरदोई के मेडिकल कॉलेज में भी हो जा रही हैं।हरदोई के मेडिकल कॉलेज में अब तक खून की जांच के लिए एक काउंटर संचालित होता था जहां मरीजों की लंबी-लंबी लाइन लगा करती थी ऐसे में मरीजों को दो से तीन घंटा तक इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब मरीज को इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा तीन अन्य काउंटर को बढ़ाने की क़वायद शुरू कर दी है। खून की जांच के लिए तीन काउंटरों के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है ।जल्दी निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इन काउंटरों को शुरू कर दिया जाएगा।इसके साथ ही एनकाउंटर पर अतिरिक्त पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती भी की जाएगी। हरदोई मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन ढाई सौ से 300 सैंपल लिए जाते हैं। ऐसे में एक काउंटर के संचालित होने से काफी समस्याओं का सामना मरीजों को करना पड़ रहा था जबकि कई मरीज बिना जांच के ही वापस चले जाते थे।