Hardoi News: बंद पड़े सिनेमाघरों में अब बन सकते हैं मल्टीपलेक्स, शासन ने दी मंजूरी
Hardoi News: विशेष सचिव आवास उदय भानु त्रिपाठी ने आदेश जारी करते हुए लिखा कि पुराने सिनेमा घरों को गिराकर उनके स्थान पर मल्टीप्लेक्स कंपलेक्स बनाने की अनुमति दी जाती है।
Hardoi News: प्रदेश में बंद पड़े सिनेमाघर को लेकर शासन स्तर से नए निर्देश जारी हुए हैं। शासन द्वारा बंद पड़े सिनेमाघर के व्यावसायिक प्रयोग को लेकर निर्देश जारी किए हैं। जनपद में कई ऐसे सिनेमाघर है जो वर्षों से बंद पड़े हैं और भविष्य में भी इन सिनेमाघर के संचालन की कोई उम्मीद नहीं है। शहर में ही आनंद सिनेमा हॉल व लक्ष्मी टॉकीज वर्षों से बंद है साथ ही जनपद के संडीला, बिलग्राम में भी कई ऐसे सिनेमा हॉल है जो वर्षों से बंद है। सिनेमा हॉल को खोलने के लिए शासन स्तर से मंजूरी चाहिए होती थी साथ इसे शासन के मानकों के अनुसार ही संचालित हो सकते थे।
90 के दशक में प्रदेश में सिनेमाघर का लोगों में काफी उत्साह था। धीरे-धीरे करके शहर व क़स्बे में चलने वाले सिनेमाघर बंद होने के कगार पर आ गए। सिनेमाघर के स्थान पर लोग अब मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखना पसंद करते हैं। ऐसे में सिनेमाघर संचालकों को वर्षों से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा था। उनकी भूमि खाली पड़ी थी और वह भूमि किसी भी प्रयोग में वह नहीं ले सकते थे। ऐसे में सिनेमाघर संचालकों की समस्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश में नए निर्देश जारी हो गए हैं जिससे अब सिनेमा घर संचालकों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
बन सकता है मल्टीप्लेक्स
विशेष सचिव आवास उदय भानु त्रिपाठी ने आदेश जारी करते हुए लिखा कि पुराने सिनेमा घरों को गिराकर उनके स्थान पर मल्टीप्लेक्स कंपलेक्स बनाने की अनुमति दी जाती है। ऐसे में जो सिनेमाघर संचालक मल्टीप्लेक्स परिसर बनाना चाहते हैं उन्हें निर्माण से पहले नक्शा पास करना होगा। शासन स्तर से सिनेमाघर संचालक पर बकाया मनोरंजन कर की जांच की जाएगी. यदि किसी सिनेमा घर संचालक पर मनोरंजन कर बकाया होगा तो उसे पहले मनोरंजन कर को भरना होगा। जिसके बाद उसका नक्शा पास हो सकेगा और उसे अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी होगा।
जनपद के बिलग्राम में चलचित्र निगम का अर्ध निर्मित सिनेमा घर व उसकी भूमि को व्यावसायिक उपयोग में लिए जाने की योजना है। इसके लिए भूमि व भवन का निस्तारण कराया जाएगा। बिलग्राम के चलचित्र सिनेमा घर का निर्माण 21000 वर्ग फुट में कराया गया था सिनेमा घर के चारों ओर बाउंड्री वॉल बनाने के साथ सिनेमाघर का ढांचा बनकर तैयार हो गया था। इसके बाद से आज तक सिनेमा घर संचालित नहीं हो सका, लेकिन अब एक बार फिर उस स्थान पर व्यवसायीकरण का काम किया जाएगा। सिनेमाघर की भूमि भवन के निस्तारण को लेकर कार्य तेज कर दिया गया है।
चलचित्र सिनेमा को लेकर मुख्य सचिव की ओर से आदेश जारी होने के बाद अपर आयुक्त राज्य कर द्वारा ज़िला प्रशासन को पत्र लिखकर चलचित्र निगम के अर्ध निर्मित सिनेमा घर का भूखंड सहित वर्तमान मूल्य का मूल्यांकन कराए जाने व इसकी व्याख्या उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं। उम्मीद है जल्द ही चलचित्र सिनेमा की भूमि पर कस्बे के लोगों को मल्टीप्लेक्स आदि की सुविधा मिल सकती है। साथ ही खाली पड़ी भूमि का व्यवसायकरण भी भूमि पर किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी इस नए निर्देश का सिनेमाघर संचालकों ने स्वागत किया है। सिनेमाघर संचालकों का कहना है कि इस नए निर्देश से उन्हें व्यापार व आय की एक नई आस जगी है। अब तक खाली पड़ी भूमि पर वह कुछ नहीं कर सकते थे, लेकिन अब वह मल्टीप्लेक्स बनाकर अपनी आय को बढ़ा सकते हैं।