Hardoi: नगर पालिका ने नाले-नालियों की सफ़ाई पर खर्च किए 11 लाख, हालत जस के तस
Hardoi: नगर पालिका की ओर से 11 लाख रुपए खर्च करके नाले की सफाई कराई गई है। अब ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि जब सफाई हुई तो जल भराव की स्थिति कैसे उत्पन्न हो रही है।
Hardoi News: जिले में नगर पालिका पर पहले भी कई गंभीर आरोप लगाते आए हैं। इस बार भी नगर पालिका पर बारिश में साफ सफाई कराने को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं। नगर पालिका पर 11 लाख रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। आरोप है कि नगर पालिका की ओर से नाले की साफ सफाई में 35 श्रमिकों पर 5 महीने में 11 लाख रुपए खर्च कर दिए हैं जबकि शहर के हालात से क्षेत्र की जनता बखूबी वाकिफ है। शहर की अधिकांश सड़के व गलियां बारिश में जलमग्न हो जाती हैं।
आलम यह है कि शहर का नघेटा रोड बारिश में तालाब में तब्दील हो जाता है। वहीं रेलवे गंज सिनेमा चौराहा बड़ा चौराहा जैसे प्रमुख मार्गों पर जल भराव से क्षेत्र के लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। हालांकि नगर पालिका की ओर से 11 लाख रुपए खर्च करके नाले की सफाई कराई गई है। अब ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि जब सफाई हुई है तो यह जल भराव की स्थिति क्षेत्र में कैसे उत्पन्न हो रही है।
बड़े घोटाले की हो रही आशंका
नगर पालिका हरदोई के जिम्मेदारों ने क्षेत्र के लोगों को जल भराव की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए 2 वर्ष पहले हुई निविदा में चुनी गई खजांची टोला की फॉर्म जय भोले कांट्रैक्टर की संचालक कल्लो पत्नी दुलीचंद को ही काम दे दिया। चालू वित्तीय वर्ष में निविदा नगर पालिका के जिम्मेदारों द्वारा नहीं कराई गई। इससे नगरपालिका में बड़े गोलमाल की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
जिम्मेदारों ने इसी फ़र्म को 1 सितंबर 2024 तक काम करने के लिए अवधि को बढ़ा दिया गया जबकि नगर पालिका हरदोई के पास पर्याप्त समय था। नगर पालिका के जिम्मेदारों द्वारा जय भोले कांट्रैक्टर को मार्च अप्रैल में जून और जुलाई में 35 कर्मचारियों की ओर से नाली नालियों की साफ सफाई का भुगतान किया गया। नगर पालिका के जिम्मेदारों द्वारा इस फ़र्म को 11 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। इसी के साथ नगर पालिका के कर्मचारियों से भी नाले नालियों की साफ सफाई का कार्य कराया गया लेकिन इन सब के बाद भी शहर के नाले नालियां उफान पर हैं।
सड़कों पर जल भराव हो रहा है। गलियों में लोगों के घरों में पानी भर रहा है। इस बाबत जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने कहा कि अभिलेखों को कब्जे में लिया गया था और अन्य अभिलेखों को भी तलब किया गया है। निकाय की ओर से सभी अभिलेख प्राप्त होने के बाद जांच पड़ताल कराई जाएगी। गड़बड़ी करने वाले अधिकारी व कर्मचारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी।