Hardoi News: रेलवे स्टेशन पर अनारक्षित यात्रियों के लिए नहीं है प्रतीक्षालय, ना ही बना रैन बसेरा, ठंड में ठिठुरने को मजबूर
Hardoi News: हरदोई रेलवे स्टेशन पर भी अब तक रैन बसेरा शुरू नहीं हो सका है। हरदोई रेलवे स्टेशन पर अनारक्षित टिकट लेकर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए कोई भी ऐसी व्यवस्था नहीं है जो उन्हें शीत लहर के प्रकोप से बचा सके।
Hardoi News: हरदोई में सर्दी अपनी चरम सीमा पर है। तापमान दिन पर दिन गिरता जा रहा है शाम होते ही शीत लहर अपना प्रकोप दिखाने लगी है। शीतलहर के चलते रात का तापमान 8 डिग्री से 9 डिग्री 10 डिग्री तक चला जाता है। वहीं, शाम से ही कोहरे की चादर में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक ढक जा रहे हैं। अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र से आकर शहर में कई लोग ई रिक्शा चलाते हैं व मजदूरी करने का कार्य करते हैं। ऐसे में शहर में सर्द रातों में श्रमिकों के लिए अभी तक किसी भी तरह का कोई भी इंतजाम जिम्मेदारों द्वारा नहीं किया गया है। हरदोई रेलवे स्टेशन पर भी अब तक रैन बसेरा शुरू नहीं हो सका है। हरदोई रेलवे स्टेशन पर अनारक्षित टिकट लेकर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए कोई भी ऐसी व्यवस्था नहीं है जो उन्हें शीत लहर के प्रकोप से बचा सके।
रेलवे के जिम्मेदारों द्वारा अनारक्षित प्रतीक्षालय जो बताया गया है उसका हाल यह है कि उसमें पेड़ों की जड़ निकली हुई है, सामने से पूरा खुला हुआ है, गंदगी जगह-जगह देखने को मिल जाएगी, प्रतीक्षालय में प्रकाश की भी समुचित व्यवस्था नहीं है साथ ही ट्रेन के आगमन की जानकारी के लिए ना ही कोई इलाउंसमेंट सिस्टम लगा हुआ है। अनारक्षित टिकट का प्रतीक्षालय स्टेशन परिसर में बना हुआ है ना की प्लेटफार्म पर ऐसे में अनारक्षित टिकट के यात्रियों के लिए बने प्रतीक्षालय में यात्री कैसे शीत लहर में अपनी ट्रेन का इंतजार कर पाएगा। हरदोई से प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में श्रमिक दिल्ली,पंजाब, बिहार के लिए आवागमन करते हैं। दिल्ली चंडीगढ़ जाने वाली अधिकांश ट्रेनें रात में है ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र से आए रेल यात्री स्टेशन कि बेंच पर बैठकर रात काटने को मजबूर हो रहे हैं।
अनारक्षित टिकट के यात्रियों के लिए नहीं है कोई व्यवस्था
हरदोई रेलवे स्टेशन पर ई रिक्शा चालक यात्रियों के इंतजार में खड़े रहते हैं। हरदोई रेलवे स्टेशन पर ई-रिक्शा चालकों के लिए भी कोई भी व्यवस्था नहीं है साथ यह ई-रिक्शा चालक शीत लहर में अपने पेट को व परिवार को पालने के लिए रात रात भर ई-रिक्शा चलाकर पालन पोषण कर रहे हैं। शीत लहर में इन रिक्शा चालकों के लिए भी कोई भी रैन बसेरा अब तक नहीं बनाया गया है ना ही जिम्मेदारों द्वारा स्टेशन पर अलाव की कोई व्यवस्था कराई गई है। अब देखना होगा कि हरदोई रेलवे स्टेशन के जिम्मेदार अनारक्षित टिकट के यात्रियों को लेकर अपनी जिम्मेदारी कहां तक निभाते हैं साथ ही ई-रिक्शा चालकों व ग्रामीण क्षेत्र से आए रेल यात्रियों के लिए रैन बसेरे की व्यवस्था कब तक रेल अधिकारी व जनपद के स्थानीय अधिकारी करते हैं या यूं ही परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी में ई रिक्शा चालक व श्रमिक शीत लहर में ठिठुरने को मजबूर रहेंगे।