Hardoi News: कवि सम्मेलन में कवियों ने भक्ति गीतों से बाँधा समां, राममय हुआ माहौल

Hardoi News: प्रयागराज से आये हास्य कवि धंनजय शास्वत ने "मैं कैसे मान लूँ कि बेरोजगारी बहुत है, जब मुर्दे भी मनरेगा से तनख्वाह ले रहे।" कविता पढ़ श्रोताओं को गुदगुदाया।

Report :  Pulkit Sharma
Update: 2024-04-18 08:58 GMT

कवि सम्मेलन में मौजूद कवि (Pic: Newstrack)

Hardoi News: श्री सुंदरकांड सत्संग सेवा समिति के तत्वावधान में शहर के महाराज सिंह पार्क में राम नवमी के अवसर पर बुधवार को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवियों की रचनाओं से पूरा वातावरण राममय हो गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ नगर पालिका अध्यक्ष सुख सागर मिश्र मधुर व भाजपा नेता पारुल दीक्षित ने दीप प्रज्जवलन व माँ शारदा के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। कवि सम्मेलन की शुरुआत कवयित्री आकांक्षा गुप्ता की वाणी वंदना से हुई। प्रतापगढ़ से आये ओज कवि हरि बहादुर हर्ष की कविता "राम मेरी आन मान राम मेरे स्वाभिमान, राम के समान गुणवान कहाँ पाओगे।" पर पूरा पांडाल जय श्री राम के उद्घोष से गूंज उठा।

प्रयागराज से आये हास्य कवि धंनजय शास्वत ने "मैं कैसे मान लूँ कि बेरोजगारी बहुत है, जब मुर्दे भी मनरेगा से तनख्वाह ले रहे।" कविता पढ़ श्रोताओं को गुदगुदाया। हरदोई के ओज कवि राजेश बाबू अवस्थी ने "राम मन्दिर प्रतीक हिन्दुओं कि आन बान का, राम मन्दिर प्रतीक धर्मशील कीर्तिमान का।" कविता पढ़ तालियां बटोरी। युवा कवि वैभव शुक्ल की रचना " मन के पावन पृष्ठ भूमि पर शब्दों की तुरपाई कविता, जिसने प्रेम किया है उसने एक बार तो गाई कविता" सराही गई।

हंसी इस दौर में सस्ती भी नहीं

रायबरेली से आये संचालक डाo नीरज पाण्डेय ने "राम जी के पाँवो से जुड़ाव जिसका हुआ है काम उसके कोई भी टाल सकता नहीं।" कविता पढ़ वाहवाही लूटी। लखनऊ से आये हास्य कवि सौरभ जायसवाल ने  "वैसे हँसी इस दौर में इतनी सस्ती भी नही है! शुक्र इतना कि है हँसने पर जीएसटी नही है। कविता पढ़ खूब हंसाया। बाराबंकी से आये गीतकार ओम शर्मा ओम ने "उनको दुनिया गिरा नहीं सकती, जो प्रभु राम के सहारे हैं.." गीत पढ़ समां बाँधा। हास्यकवि अजीत शुक्ल ने "राम लला की प्राण प्रतिष्ठा बढ़कर सब त्योहारों से, पूरा भारत गूंज उठा जय श्री राम के नारों से" कविता पढ़ वाहवाही लूटी।

आगरा से आये कवि प्रमोद तिवारी ने "नई सोच से, प्रगति मार्ग पर वोट हमें ले जाए" कविता पढ़ी। कवयित्री आकांक्षा गुप्ता ने "यहां सब राम का फिर भी लगी सदियां प्रतीक्षा में अवध को भी लगा इक युग अयोध्या धाम होने में" कविता पढ़ तालियां बटोरी। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे लखनऊ से आये हास्य कवि चेतराम अज्ञानी ने अपनी हास्य रचनाओं से श्रोताओं को खूब हंसाया। आयोजक संतोष मिश्र ने आये हुए कवियों एवं अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कवि सम्मेलन में मुरारी लाल पाठक, शिव कुमार पांडेय, राजेंद्र द्विवेदी, अभिषेक गुप्ता, गीतेश दीक्षित, राजेश तिवारी, कृष्ण मुरारी अवस्थी, दीपक शुक्ल, कृतार्थ पाठक, अनमोल शुक्ल, दिव्यांशु शुक्ल आदि रहे। 

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