Hardoi News: हथकरधा में माहिर बंदियों को मिलेगा ज़िला कारागार में टेक्सटाइल का प्रशिक्षण, बढ़ेगी आय

Hardoi News: जिला कारागार में बंद कई ऐसे कैदी हैं जो रोजमर्रा के काम किया करते थे जैसे कि मजदूर,बढ़ई, दर्जी जैसे अन्य ऐसे बंदी हैं जो जिला प्रशासन की आय बढ़ा सकते हैं और सरकार का सहयोग कर सकते हैं।

Report :  Pulkit Sharma
Update:2023-10-03 10:16 IST

हथकरधा में माहिर बंदियों को मिलेगा ज़िला कारागार में टेक्सटाइल का प्रशिक्षण  (photo: social media )

Hardoi News: हरदोई जिला कारागार में बंदियों को हथकरघा के साथ टेक्सटाइल में निपुण बनाया जाएगा इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी गई है। जिला जेल प्रशासन की ओर से टेक्सटाइल को सीखने के लिए 25 बंदियों का चयन भी किया गया है। जिला कारागार में बंद कई ऐसे कैदी हैं जो रोजमर्रा के काम किया करते थे जैसे कि मजदूर,बढ़ई, दर्जी जैसे अन्य ऐसे बंदी हैं जो जिला प्रशासन की आय बढ़ा सकते हैं और सरकार का सहयोग कर सकते हैं।

ऐसे ही सरकार की एक जनपद एक उत्पाद योजना के अंतर्गत हरदोई जिला कारागार में बंद हथकरधा के साथ जुड़े टेक्सटाइल का प्रशिक्षण उद्योग व उद्यम प्रोत्साहन केंद्र के माध्यम से चलाया जाएगा।सरकार की ओर से लखनऊ की एक संस्था को बंदियों को प्रशिक्षण देने के लिए नामित भी कर दिया गया है।यह प्रशिक्षण 7 अक्टूबर 2023 से जिला कारागार में शुरू हो जाएगा।इसके शुरू होने से जिन बंदियों का चयन हुआ है उनको सीखने का तो मिलेगा ही साथ ही हथकरधा व टेक्सटाइल से बना सामान की बिक्री से जेल प्रशासन को भी लाभ मिलेगा।

25 बंदी लेंगे प्रशिक्षक

एक जनपद एक उत्पाद में हथकरधा के साथ टेक्सटाइल का प्रशिक्षण के लिए जिला कारागार के 25 बंदियों को चयनित किया गया है।शासन ने अब हथकरघा के साथ टेक्सटाइल को भी इस योजना में शामिल किया है।हथकरघा में माहिर कामगारों को अब टेक्सटाइल में भी निपुण बनाने का काम जिला कारागार में किया जाएगा।जिला कारागार के वह बंदी जिनकी उम्र 18 वर्ष से लेकर 25 वर्ष तक है उनको इस कला में निपुण बनाया जाएगा।प्रशिक्षण का कार्य 7 अक्टूबर से शुरू होकर 10 दिनों तक चलेगा।टेक्सटाइल प्रशिक्षण के लिए चयनित बंदियों को प्रशिक्षण के बाद टूलकिट भी उपलब्ध कराई जाएगी जिसकी अनुमानित लागत 16 से ₹20 हज़ार की है।टेक्सटाइल माहिर होने के बाद कारागार में बंदियों से इसका कार्य भी कराया जाएगा जिससे कि बंदियां के समय का सदुपयोग होगा साथ ही बंदी आत्मनिर्भर बन सकेंगे और आमदनी को बढ़ा सकेंगे।लखनऊ के उत्तर प्रदेश निर्यात सर्वधान परिषद को नामित किया गया है यह संस्था जेल में बंदियों को टेक्सटाइल का प्रशिक्षण देगी।

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