Hardoi News: नशे के विरूद्व जनजागरूकता कार्यक्रम एवं योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय कमेटी गठित
Hardoi News: कालेजों में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए नशे के विरूद्व चर्चा व जागरूकता कार्यक्रम चलाये जायेगें तथा शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के भीतर सिगरेट की बिक्री पर पूणतः प्रतिबन्ध रहेगा किया जाए।
Hardoi News: जनपद के सभी स्कूलो , कालेजों में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए नशे के विरूद्व चर्चा व जागरूकता कार्यक्रम चलाये जायेगें तथा शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के भीतर सिगरेट की बिक्री पर पूणतः प्रतिबन्ध रहेगा किया जाए।जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने अवगत कराया है कि प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन के पत्र के क्रम में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नेशनल एक्शन प्लान फॉर ड्रग डिमाण्ड रिडक्श योजनान्तर्गत नशामुक्त भारत अभियान के तहत जनपद में नशे के विरूद्व जनजागरूकता कार्यक्रम एवं योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि गठित कमेटी में अधोहस्ताक्षरी अध्यक्ष तथा पुलिस अधीक्षक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला जज द्वारा नामित प्रतिनिधि), मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला प्रोबेशन अधिकारी व पीएमयू समन्वयक सदस्य, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका एवं जिला आबकारी अधिकारी अतिरिक्त सदस्य और जिला समाज कल्याण अधिकारी सदस्य सचिव होगें। उन्होने बताया कि गठित कमेटी द्वारा जनपद में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत योजना का निर्माण एवं कार्यान्यन सुनिश्चित कराया जायेगा, जिसके तहत जनपद के सभी स्कूलो , कालेजों में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए चर्चा व जागरूकता कार्यक्रम चलाये जायेगें के साथ कालेजों में छात्र क्लाबों का गठन किया जायेगा और पीड़ितो एवं उपयोगकर्ताओं की पहचान करना तथा उन्हें परामर्श और उपचार के लिए पुनर्वास केद्रों व अस्पतालों ले जाने हेतु जागरूक किया जायेगा।
स्कूल कॉलेज के पास नहीं बिक सकेगा मादक पदार्थ
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में किसी भी शैक्षणिक संस्थान के 100 मीटर के भीतर सिगरेट की बिक्री पर पूणतः प्रतिबन्ध रहेगा और कमेटी द्वारा जनपद में मादक पदार्थो की उपलब्धता/बिक्री के बारे में जानकारी कर उस पर की गयी कार्यवाही की समीक्षा करने के साथ उन संस्थानों, अस्पतालों का दौरा किया जायेगा जहां मुक्त संबंधी सेवायें प्रदान की जाती है, इसके लिए सामुदायिक भागीदारी और जन सहयोग बढ़ाने पर बल दिया जायेगा तथा अभियान के लिए सोशल मीडिया रणनीति बनाकर उसका क्रियान्वयन कराया जायेगा और नशा मुक्त भारत अभियान के तहत गठित कमेटी की बैठक वर्ष में न्यूनतम दो बार आयोजित की जायेगी।