Jangli Shiv Mandir: दिन में तीन बार रंग बदलता हरदोई का ये शिवलिंग, दर्शन मात्र से ही बन जाते हैं बिगड़े काम

Jangli Shiv Mandir in Hardoi: जंगली शिव मंदिर के पुजारी ने बताया कि जंगली शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग दिन में तीन बार (सुबह, दोपहर, शाम) रंग बदलता है।

Update:2023-07-04 09:12 IST
Jangli Shiv Mandir Atrauli Hardoi (photo: social media )

Jangli Shiv Mandir in Hardoi: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 50 किलोमीटर पश्चिम दिशा में जंगली शिव का प्राचीन शिव मंदिर है। महीने की हर अमावस्या को यहां पर विशाल मेला लगता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मान्यता है कि सच्ची श्रद्धा के साथ जंगली शिव के दर्शन करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। प्रांगण में कई छोटे-छोटे अन्य मंदिर है, जिन्हें उन भक्तों ने बनवाया है जिनकी मुरादें पूरी हुई हैं। इनमें भारत ही नहीं विदेशों के भी श्रद्धालु शामिल हैं।

मंदिर के पुजारी ने बताया कि जंगली शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग दिन में तीन बार (सुबह, दोपहर, शाम) रंग बदलता है। मंदिर के पास ही एक कुंड है जिसे श्याम कुंड के नाम से जाना जाता है। विशाल मंदिर प्रांगण में शिवलिंग के साथ ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, माता सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ मौजूद हैं। रामभक्त हनुमान का भी यहां मंदिर है। इसके अलावा इस प्रांगण में मां दुर्गा, महाकाली, सन्तोषी माता, भगवान विष्णु, धन की देवी मां लक्ष्मी, विद्या की देवी मां सरस्वती, प्रेम के प्रतीक राधा-कृष्ण, कर्मफलदाता शनि देव, दुनिया में उजाला फैलाने वाले सूर्य देव, त्रिशक्ति पीठ और साई बाबा का मंदिर बना हुआ है।

मंदिर में आकर खुश हो जाएगी तबियत

मंदिर के महंत के मुताबिक, शुरुआत में एक चरवाहे ने जंगल में स्थापित इस शिवलिंग को खोजा था। मंदिर के चारों तरफ घनघोर जंगल था। लोग दिन में भी यहां जाने से डरते थे। सिपाही शिवलाल ने इस शिवलिंग के दर्शन किए थे। मुराद पूरी हुई तो कुछ दिनों बाद उन्होंने मिट्टी से ईंट का चबूतरा और मंदिर बनवाया था। बिटिश शासनकाल के दौरान पास के ही गोड़वा गांव निवासी कन्हैयालाल ने यहां कच्ची कोठरी बनाई थी। तबसे धीरे-धीरे इस मंदिर का जीर्णोद्धार होता गया और आज यहां एक भव्य स्थान है।

बेहद शांत है यह स्थान

जंगली शिव मंदिर ऐसा दिव्य स्थान है, जहां आकर आपकी तबियत खुश हो जाएगी। प्रकृति की गोद में बसे इस मंदिर के चारों तरफ हरियाली है। माहौल बेहद ही शांत है। इन दिनों यहां सीताराम नाम का संकीर्तन चल रहा है जो 14 वर्षों तक अखंड रूप से चलता रहेगा। इस पाठ में क्षेत्रवासी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

कैसे पहुंचें यहां?

जंगली शिव का मंदिर कोथावां-लखनऊ मार्ग पर स्थित है। लखनऊ से यह करीब 50 किलोमीटर पश्चिम में है जबकि हरदोई जिला मुख्यालय से इसकी दूरी करीब 45 किलोमीटर है। अगर आप लखनऊ से आ रहे हैं तो रोडवेज बस के जरिये यहां आया जा सकता है जो घंटाघर से हर घंटे छूटती हैं। प्राइवेट साधन भी खूब चलते हैं। अपने साधन से भी आया जा सकता है। लेकिन, अगर आप ट्रेन से आना चाहते हैं तो करीब में संडीला रेलवे स्टेशन पड़ेगा। यहां से मंदिर की दूरी करीब 20 किलोमीटर है।

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